किशोर कुमार जायसवाल/न्यूज़11 भारत
गुमला/डेस्क: अदभूत प्रतिभा की धनी गुमला के सिसई रोड निवासी रूपेश खंडेलवाल और सीमा खंडेलवाल की 11 वर्षीय पुत्री आरोही खंडेलवाल ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया है. आरोही हिंदी में दो दिव्य पुस्तकें लिखने वाली सबसे कम उम्र की लेखिका बन गई है. आरोही ने दशावतार और गोकुल लीला नामक दो पुस्तक लिखी है. दोनों पुस्तकों का रवीना प्रकाशन 2025 में प्रकाशित किया गया. पुस्तक लिखने पर आरोही को ग्लोबल मैनेजमेंट काउंसिल अहमदाबाद की ओर से बेस्ट यंगेस्ट ऑथर ऑफ झारखंड 2025 के अवार्ड से सम्मानित किया गया. आरोही डीएवी स्कूल गुमला की छात्रा है. इससे पूर्व आरोही हुला हुप स्पिन इन वन मिनट चैलेंज में आरोही ने 1 मिनट में कुल 208 मूव घूटने से पूरे किये थे. जिसको लेकर उसे हावर्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड से उसे नवाजा गया. इससे पूर्व कमर से 211 मूव कर वर्ल्ड रिकार्ड बनायी थी जो 1 मिनट में 182 मूव का रिकॉर्ड को तोड़ी थी. वहीं 1 मिनट 58 सेकंड में हनुमान चालीसा का पाठ पूरा करने के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स से आरोही सम्मानित हो चुकी है. वहीं वर्ष 2022 में दी नेशनल अकैडमी फॉर आर्ट एजुकेशन द्वारा संपन्न इंडिया स्टार आइकॉन किड्स अवार्ड प्रतियोगिता में भी अपनी अलग छाप छोड़ी.
एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने बच्ची को किया सम्मानित इसको लेकर एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने आरोही की उपलब्धी पर उसे सम्मानित किया. उन्होंने कहा कि गुमला की धरती प्रतिभा से भरी हुई है. आरोही खंडेलवाल ने कम उम्र में कई उपलब्धी हासिल की है. जो अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है. वही एसडीपीओ ने उनके माता-पिता से कहा कि आरोही को उसकी मुकाम तक पहुंचायें.