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सिमडेगा/डेस्क: झारखंड विधानसभा के आहुत मॉनसून सत्र में शून्यकाल के माध्यम से सिमडेगा जिला के मनरेगाकर्मियों की मुख्य मांग को सरकार के समक्ष उठाया. कोलेबिरा बिधायक बिकशल कोनगाड़ी ने शून्यकाल में सरकार से कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम(मनरेगा) 2005 मजदूरों को रोजगार देने की गारंटी देती है. सरकार अगर किसी कारणवश मजदूरी नही दे पाती है तो बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है.परंतु झारखंड राज्य में पूर्व में भाजपा ने सबसे अधिक समय तक शासन किया है, जिसने मनरेगा योजना की नियमावली को ताक में रखकर कानुन को धरातल पर उतारने वाले जमीनी स्तर के कर्मियों को ही कार्य के अनुरूप रोजगार नही दे पाई है और देने के रास्तों पर कई व्यवधान खड़े कर इस मनरेगा के कानून के उद्देश्यों से ही दूर किया है.
विधायक ने कहा कि चुँकि मनरेगा योजना शुद्ध रूप से ग्रामीणों को रोजगार से जोड़कर उनके जीवन को सुधारने की नीति है.इसमें रोजगार तो मिलता ही है, साथ ही उस संबंधित गांव में कई बिकास के कार्य भी होते हैं.कई पथ, पुल पुलिया, कलभट, खलिहान इत्यादि का निर्माण होने से ग्रामीणों को कई सारी सुविधायें मुहैया होती है.
विधायक ने कहा कि मनरेगा योजना के उच्च स्तर के पदाधिकारियों को तो ग्रेड पे के अंतर्गत सैलरी दी जाती है, परंतु वैसे पदाधिकारी जिनके ऊपर इस जनकल्याणकारी योजना के सफल किर्यान्वयन की सबसे अधिक जिम्मेदारी रहती है.जिनके कारण मनरेगा योजना के सभी बिकास के कार्यों को धरातल पर उतार कर ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जाता है.उन कर्मचारियों को अनुबंध पर रखकर और बिना ग्रेड पे के उनसे कार्यो को संपादित करवाया जाता है.चुँकि हमारी सरकार की मंशा स्पस्ट है कि सभी झारखंड वासियों के विकास के लिए कार्य करना है.जीवन यापन को सुधारने के लिए हमारी सरकार जब बिना कार्य के ही सहयोग के रूप में सम्मानजनक राशि उत्पन्न करवा रही है.ऐसे में इन मनरेगाकर्मियों के बारे में जो कि अपने जिम्मेदारी को समझकर योजना के सभी कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न करवा रहे हैं, उनके बारे में भी सरकार को बिचार करना पड़ेगा एवं उनको भी सारी सुविधायें उपलब्ध करवानी होगी.
विधायक ने सरकार से मांग की है कि पूर्व कि भाजपा सरकार द्वारा अवरोध के रूप में उत्पन्न किये गए व्यवधानों को हटाकर सुधार करते हुए कार्य के अनुरुप रोजगाए की गारंटी कानुन के अनुरूप गारंटी देकर कानुन के उद्देस्यों को धरातल पर उतार कर न्याय करे.तथा सभी उच्च पदस्थ मनरेगा योजना के पदाधिकारियों के अनुरूप इन धरातल पर उतारने वाले कर्मियों को भी अनुबंध प्रक्रिया से हटाकर उच्च पदस्त पदाधिकारियों की तरह ग्रेड पे के तहत वेतन दी जाय एवं सभी सरकारी प्रावधानों के अनुरूप सुविधाएं उपलब्ध हो.