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रांची/डेस्कः बड़का गांव के विधायक अंबा प्रसाद के पिता और पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को पूछताछ के लिए ईडी ने आज अपने दफ्तर बुलाया है. पूछताछ के लिए पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ईडी दफ्तर पहुंच चुके है. ईडी के समन के बाद योगेंद्र साव ईडी दफ्तर पहुंचे है. जमीन से जुड़े मामले में ईडी ने योगेंद्र साव के ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज मिले थे.
ईडी दफ्तर में जाने से पहले योगेंद्र साव ने कहा सरकार आते-जाती रहती है, लेकिन एजेंसियां अपना काम करती रहती है. उन्होनें ईडी को बताया निष्पक्ष और स्वतंत्र एजेंसी. परिवार जद में नहीं है बल्कि एजेंसियां अपना काम करती है. और कहा कि अगर ईडी जांच करे तो उन पर लगे सारे आरोप खत्म हो जाएंगे. अंबा प्रसाद को ईडी के समन पर योगेंद्र साव ने कहा इसकी जानकारी नहीं.
वहीं, कल अंबा प्रसाद और उनके भाई अंकित साव से पूछताछ होगी. हजारीबाग जिले के चुरचू, इचाक, कटकमदाग व सदर अंचल में अंचलाधिकारी रहते हुए सरकारी जमीन की बड़े पैमाने पर हेराफेरी के आरोप में ईडी ने मंगलवार को शाशिभूषण सिंह से लंबी पूछताछ की है. ईडी ने उनसे योगेंद्र साव और अंबा प्रसाद से उनके संबंध को लेकर सवाल किए थे. वहीं, उनसे हजारीबाग की उस विवादित जमीन के बारे में भी पूछताछ कि थी, जिसपर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद पर चारदीवारी करवाने का आरोप है.
ईडी ने रांची और हजारीबाग में 12 मार्च को करीब 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी अंबा प्रसाद, योगेंद्र साव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में की गई थी. जानकारी के मुताबिक, यह केस साल 2002 का है जो रंगदारी, लेवी वसूलने, अवैध बालू खनन और जमीन हथियाने जैसे आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा है.
बता दें कि 12 मार्च को इस छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को कैश समेत कई सामान मिले थे. 35 लाख रुपये कैश के अलावे डिजीटल डिवाइस, सर्किल ऑपिस के फर्जी स्टांप, बैंक के और कई अन्य संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए थे. कई कागजात हाथ से लिखे हुए हैं और इसके अलावा डायरियां भी मिली थी.