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रांची : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने 23 दिसंबर को झार जल मोबाइल ऐप लॉच किया. कांके स्थित विश्वा सभागार में पेयजल सचिव प्रशांत कुमार, एसबीएम डायरेक्टर डॉ. नेहा अरोरा, पीएमयू के मुख्य अभियंता संजय झा, पीएमयू प्रोग्राम मैनेजमेंट के पदाधिकारी प्रणव कुमार पाल आदि ने ऐप लॉच किया. ऐप के संचालन को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया था. जिसमें पेयजल विभाग की मासिक पत्रिका झार जल संदेश को भी जारी किया गया. वहीं, हैंडपंप का मॉड्यूल के साथ-साथ एसवीएस, एमवीएस का मॉड्यूल होगा. जिसका ईई, जेई, एई निरीक्षण करेंगे.
पेयजल सचिव प्रशांत कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि झार जल मोबाइल ऐप से आमलोगों की जुड़ी कई जानकारियां एकत्र होंगी. प्रदेश में संचालित जलापूर्ति योजनाओं और चापानल से संबंधित विस्तृत जानकारी ऐप में उपलब्ध रहेगा. ऐप को अपडेट करने में सभी प्रमंडल के अफसर सहयोग करेंगे. कार्यशाला में पेयजल विभाग के सभी प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता मौजूद थे. कार्यपालक अभियंताओं से ऐप, एसबीएम और हर घर नल जल योजना बेहतर करने को लेकर विचार विमर्श हुआ.
ऐप से होगी चापानल की मॉनिटरिंग
झारखंड में जल्द भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो)के सैटेलाइट हैंडपंप, यानी चापानल का सच बताएगा. प्रदेश के 4 लाख 2 हजार 719 हैंडपंप ज्योलॉजिकल इनफॉरमेशन सिस्टम (Geographical Information System, GIS)से जुड़ेंगे. झारखंड स्पेश अप्लीकेशन सिस्टम (Jharkhand Space Applications Center, JSAC)पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सहयोग से ऐप तैयार किया है. ऐप में प्रदेशभर के टोटल हैंडपंप का डिटेल्स अपलोड किया जाएगा. एक क्लीक में हैंडपंप की पूरी हिस्ट्री आपके स्क्रीन पर दिख जाएगी.
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग JSAC के सहयोग से झार जल मोबाइल ऐप, JJMA बनवाया है. इसके लिए JSAC ने एक विशेष सॉफ्टवेयर की खरीदारी की है. उसी सॉफ्टवेयर के सहयोग से हैंडपंप का डिटेल्स किया जाएगा. जिसकी मॉनिटरिंग GIS स्पेशलिस्ट करेंगे.
जल सहिया ऐप में अपलोड करेंगी हैंडपंप का डिटेल्स
प्रदेश में जल सहियों के सहयोग से एक-एक हैंडपंप का सर्वे कराया जाएगा. जल सहिया अपनी रिपोर्ट में बताएंगी कि हैंडपंप किस योजना के तहत लगाया गया है? हैंडपंप की गहराई क्या है? हैंडपंप की मरम्मत कब-कब हुई? हैंडपंप सिंगल विलेज स्कीम का है या मल्टीविलेज स्कीम का, यह पूरी जानकारी ऐप पर अपलोड होगा. पेयजल विभाग के सभी प्रमंडल अपने अधीन आने वाले एक-एक चापानल का रिकॉर्ड ऐप में अपलोड करेंगे. जिसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग जीआईएस स्पेशलिस्ट रांची स्थित प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट भवन से करेंगे.