न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: अगर आपके इरादे मजबूत हैं, तो कोई भी लक्ष्य आपके लिए असंभव नहीं है. आज हम आपको एक प्रेरणादायक कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो आपकी पढ़ाई के प्रति उत्साह को और बढ़ा देगी. यह कहानी एक ऐसे युवक की है, जिसने चौकीदार की नौकरी से शुरूआत करके आईआईएम का छात्र बनने तक का सफर तय किया. आइए, जानते हैं ऐसा ही एक युवक कहानी के बारे में..
दीपेश केवलानी नामक युवक की मोटिवेशनल कहानी
दीपेश केवलानी नामक युवक की मोटिवेशनल कहानी, जो अहमदाबाद में चौकीदार के रूप में कार्यरत थे, ने अपने आईआईएम में पढ़ाई के सपने को साकार कर लिया हैं. उनकी सफलता ने उन्हें हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बना दिया है. हाल ही में, देश के प्रमुख प्रबंधन संस्थान, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) में प्रवेश के लिए आयोजित कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) में दीपेश ने 92.5 पर्सेंटाइल अंक प्राप्त कर आईआईएम शिलांग में अपनी जगह सुनिश्चित की.
बता दें कि दीपेश केवलानी ने केवल 11 वर्ष की आयु में अपने पिता को खो दिया, जिसके बाद उनका परिवार जयपुर से अहमदाबाद के नरोदा क्षेत्र में अपने मामा के साथ रहने लगा. उस समय दीपेश के परिवार में उनकी मां और छह साल का भाई दिनेश शामिल थे.चूंकि दीपेश बड़े थे, उन्होंने परिवार की जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर ले लिया. दीपेश ने बताया कि उनके समुदाय के एक ट्रस्ट ने परिवार की काफी सहायता की, जिसमें दोनों भाइयों की स्कूल फीस के लिए वित्तीय मदद भी शामिल थी.
एमबीए करने का था सपना
दीपेश ने बताया कि उनका हमेशा से एमबीए करने का सपना था, लेकिन घर की जिम्मेदारियों के कारण उन्हें इसे कुछ समय के लिए टालना पड़ा. इस दौरान, उनके छोटे भाई दिनेश आईआईएम में प्रवेश की तैयारी कर रहे थे, जिसके चलते दीपेश ने अपने सपने को प्राथमिकता नहीं दी. अंततः, दिनेश को वर्ष 2023 में आईआईएम लखनऊ में प्रवेश मिला.
नौकारी के साथ पूरी की पढ़ाई
साल 2017 में 12वीं की परीक्षा के बाद दीपेश को अहमदाबाद के शाहीबाग स्थित कैंट में चौकीदार की नौकरी के लिए वैकेंसी का पता चला, और उन्होंने यह नौकरी प्राप्त कर ली. इस पद पर उन्हें प्रति माह 18000 रुपये का वेतन मिलने लगा. चौकीदार की नौकरी के साथ-साथ दीपेश ने बीकॉम और एमकॉम की पढ़ाई की, जिसमें उन्होंने दोनों परीक्षाएं डिस्टिंक्शन के साथ उत्तीर्ण कीं.