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रांची/डेस्क: झारखंड के विधान सभा के एक बड़े अधिकारी पर भ्रष्टाचार और अकूत सम्पत्ति अर्जित करने का संगीन आरोप लगा है. भ्रष्टाचार में लिप्त रहने, घोर अनियमितता बरतने और अवैध रूप से धन अर्जित करने का संगीन आरोप झारखंड विधानसभा के संयुक्त सचिव मधुकर भारद्वाज पर लगा है.
संयुक्त सचिव के भ्रष्टाचारों और अनिमतताओं का खुलासा एक पत्र के माध्यम हुआ है जिसमें उनके कथित काले चिट्ठों का जिक्र किया गया है. इस पत्र का माध्यम से सचिव, भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली, सभा सचिवालय, अपर सचिव, झारखंड विधान सभा, रांची, राष्ट्रपति सचिवालय को शिकायत की गयी है और उनके अनैतिक तरीकों से अर्जित की गयी अकूत सम्पत्ति की जांच की मांग की गयी है.
पत्र के माध्यम से गढ़वा के एक सामाजिक कार्यकर्ता जयराम पासवान ने सम्बंधित अधिकारियों को लिखा है कि मधुकर भारद्वाज एक घूसखोर, गैर जिम्मेदार, भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाला, उद्दंड और निरंकुश पदाधिकारी हैं. उन्होंने यह भी लिखा कि वह काफी रसूख रखने वाले और अपने पैसे और प्रभाव दिखाने वाले पदाधिकारी हैं.
पत्र में उनके पूर्व में किये गये अनैतिक और अशोभनीय कार्यों का भी जिक्र है. जिसके कारण उन पर पूर्व में विभागीय कार्रवाई भी हो चुकी है. जैसा कि 2003 में विधायकों के लिए जब लैपटॉप क्रय किया गया था तब उसमें उन्होंने भ्रष्टाचार किया था. तब विधानसभाध्यक्ष द्वारा उन पर विभागीय कार्रवाई करते हुए उन्हें उनके कार्य से हटा दिया था.. एक और वाकया 2000-2004 के विधानसभा कार्यकाल का है. जब विधान सभा में मुख्य सचेतक सी.पी. सिंह थे तब उन्हें मधुकर भारद्वाज अपमानित भी कर चुके हैं. उस समय भी विधानसभाध्यक्ष ने उनको उनके गलत आचरण के लिए चेतावनी दी थी. मगर दुर्भाग्य है कि इनके आचरण में कोई बदलाव नहीं आया.
कथित कारनामों की सूची