कौशल आनंद. रांची: बहुप्रतिक्षित प्री-पेड स्मार्ट मीटर के लिए उपभोक्ताओं को अभी और इंतजार करना होगा. पूर्व में घोषित हुए था कि जुलाई के प्रथम सप्ताह में इसे लगाया जाना शुरू कर दिया जाएगा. मगर नहीं हो सका. विश्व बैंक वित्त पोषित योजना होने के कारण कई तरह की टेक्निकल पेंच में यह फंसता जा रहा है. हालांकि JBVNL ने दावा किया है कि इसी साल इसे लगाया जाना शुरू कर दिया जाएगा.
प्रथम चरण में 3.50 लाख को लगाया जाना है मीटर
प्रथम चरण में रांची शहरी क्षेत्र के 3.50 लाख उपभोक्ताओं को यह मीटर लगाया जाना है. इसके बाद इसे धनबाद एवं जमशेदपुर में लगाया जाएगा. इसका रिहर्सल पूर्ववर्ती सरकार से ही चल रही है. मगर अभी तक यह अपने फाइनल स्टेज पर नहीं आ पाया है.
JBVNL के कार्यकारी निदेशक केके वर्मा ने बताया कि क्वालिटीपूर्ण मीटर लगे. इसका प्रयास जारी है. लगने के बाद किसी भी तरह की दिक्कतें उपभोक्ताओं का नहीं हो. विश्व बैंक वित्त संपोषित योजना होने के कारण कई तरह स्टेज से गुजरना पड़ रहा है. कई तरह के तकनीकी पेंच हैं, जिसे दूर किया जा रहा है. फाइनल टेंडर खोलने का काम पाइप लाइन में है. किसी भी तरह की टेक्निकल समस्या न हो, इसके लिए आईआईटी टेक्निकल संस्थान से मदद ली जा रही है. संभवत दो से तीन महीने में यह योजना धरातल पर आ जाऐगी.
प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगने से यह होगा फायदा
इसके लगने के बाद बिजली उपभोक्ता सीधे तौर सेंट्रल कंट्रोलिंग सिस्टम के तहत जुड़ जाएंगे. यानि कि किसी भी कीमत पर कोई भी उपभोक्ता मीटर की छेड़छाड़ या मीटर बाइपास करके बिजली चोरी नहीं कर पाएगा.
स्मार्ट मीटर लग जाने के बाद उपभोक्ता प्री-पेड की सुविधा से जुड़ जाएंगे. यानि मोबाइल फोन री-चार्ज करने की तर्ज पर अपना बिजली इस्तेमाल कर पाएंगे.
अधिक दिनों तक या अधिक बकाया बिजली उपभोक्ता नहीं रख पाएंगे. सेंट्रल कंट्रोलिंग सिस्टम के तहत तहत सारे उपभोक्ताओं के बिजली खपत एवं बकाए पर पैनी नजर रखी जाएगी. अधिक बकाया होने पर तुरंत बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा.
सारा सिस्टम सर्वर, नेट सिस्टम के तहत संचालित होगा. अगर किसी उपभोक्ता के घर बिजली कट होती या लो वोल्टेज की समस्या होती तो उसे किसी को फोन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. स्मार्ट मीटर खुद ही इस समस्या को बिजली निगम कंट्रोलिंग सिस्टम तक पहुंचा देगा.
बिजली कट होते ही स्मार्ट मीटर कंट्रोम रूम को सिग्नल भेज देगा. इसके बाद निगम की टीम इसे दुरूस्त करने में जुट जाएगा.
बिजली उपभोक्ता अपने प्रतिदिन बिजली खपत पर नजर रख सकेंगे. इसके बाद उपभोक्ता अपना मासिक बिल और बिजली खपत की प्लानिंग कर सकते हैं.
सारी व्यवस्था ऑनलाइन रहेगी. इससे व्यवस्था पारदर्शी रहेगी. आम उपभोक्ता अपनी सारी जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं.