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रांची रेल मंडल में चीफ लोको इंस्पेक्टर एसकेपी खलखो और सतीश खेस कर रहे हैं गोलमाल

लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, शंटर के नाम पर कर रहे लाखों की कमायी
रांची रेल मंडल में चीफ लोको इंस्पेक्टर एसकेपी खलखो और सतीश खेस कर रहे हैं गोलमाल
केंद्रीय सतर्कता आयोग और रेलवे इंटेलिजेंस से की गयी शिकायत




न्यूज11 भारत




रांची: दक्षिण पूर्व रेलवे के रांची रेल मंडल में लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और शंटर के नाम पर ड्यूटी देने के नाम पर लाखों की उगाही की जा रही है. इसमें चीफ लोको इंस्पेक्टर (सीएलआइ) हटिया एसकेपी खलखो और ओएस सतीश खेस का नाम सामने आया है. दोनों ने रेल मंडल में भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं. इन दोनों के द्वाला सहायक लोको पायलट, लोको पायलट और शंटरों को फरजी तरीके से फुट प्लेट दिखा कर हजारों रुपये का रनिंग भत्ता वसूला जा रहा है. इसकी शिकायत न्यूज 11 को एक दर्शक ने भेजा है, जिसमें इन दोनों की कारस्तानियों का खुलासा किया गया है. इनकी शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग और रेलवे इंटेलीजेंस को भी की गयी है. इन्होंने एक ऐसा सिंडिकेट तैयार कर रखा है, जिससे रेलवे को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है और इनकी अवैध वसूली दिनों-दिन बढ़ती जा रही है.

 

रेलवे मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि संवेदनशील पदों पर कोई भी व्यक्ति लगातार चार वर्षों तक एक ही जगह में पदस्थापित नहीं रह सकता है. रोटेशन के आधार पर कर्मचारियों का ट्रांसफर करने का नियम है, पर रांची रेल मंडल में इसकी धज्जियां उड़ती दिख रही हैं. इसी का फायदा उठा कर  सीएलआइ एसकेपी खलखो और सतीश खेस अपनी मनमानी कर रहे हैं. 1987 से सीएलआइ एसकेपी खलखो हटिया में पदस्पित हैं. इन्हें आउट ऑफ वे जाकर प्रोन्नति भी दी गयी, पर इन्होंने कभी फील्ड में काम नहीं किया. इतना ही नहीं रांची मंडल में रेलवे ड्राइवरों की प्रोन्नति के बाद पैसे लेकर पोस्टिंग कराने में इन्होंने अलग मुकाम हासिल की है. डीआरएम कार्यालय के इलेक्ट्रिक ओपी में भी इन्होंने अपनी पहचान छुपा रही है. 

 


 

जानकारी के अनुसार म्युचुअल ट्रांसफर नीति के तहत इन्होंने सहायक लोको पायलट गौतम कुमार द्वारा ऋचा कुमारी और समीर कुमार और नीतु कुमारी के बीच म्युचुअल ट्रांसफर के नाम पर मोटी रकम वसूली. इनकी पोस्टिंग मुरी स्टेशन में नहीं करा कर हटिया करायी गयी. 27 जुलाई 2021 को सुबोध बाखला के अभ्यावेदन पर हटिया में तबादला करा दिया. लोको पायलट रीफ्रेशर ट्रेनिंग में असफल रहे लोगों को भी मुख्यालय में सीएलआइ पद पर रखा गया. मुरी के लोको पायलट जनरल ए आलम, सहायक लोको पायलट राकेश कुमार-1, शशि कांत शशि सिनीयर को  एसकेपी खलखो और सतीश खेस ने ट्रेन फुट बैक की सूची में शामिल करा दिया. इन दोनों पर लोको पायलट गुड्स में अपने अधिकार का दुरुपयोग कर शंटर ड्यूटी लगाने की बातें भी पुष्ट हुई है. उदाहरण के तौर पर लोको पायलट गुड्स की दीपाली अमृत, रोजी सिन्हा औऱ् जीके ठाकुर और कई जब से ड्राइवर बने हैं, तब से एक दिन भी रेल लाइन में कार्य नहीं किया. ये लोग माल गाड़ी रोस्टर में कार्य कर रहे हैं. एसकेपी खलखो और सतीश खेस प्रति माह इनसे मिसलेनियस ड्यूटी के नाम पर हजारों रुपये की वसूली करते हैं. 

 

बताया जाता है कि रांची मंडल के मूरी रनिंग रूम प्रभारी जीके ठाकुर से हर महीने पांच हजार रुपये लिये जाते हैं, ताकि ये रनिंग रूम में पदस्थापित रहें. पैसे नहीं दिये जाने पर कई बार इन्हें हटाया भी जा चुका है. जीके ठाकुर 2016 से मुरी के रनिंग रूम में प्रभारी के पद पर कार्यरत हैं. लोको पायलट होने के बाद भी कभी लाईन में काम नहीं किया. रांची मेडल के ही मुरी क्रू प्वाइंट पर आनंद कुमार, एसएस कुमार, राजेश कुमार जो लोको पायलट (गुड्स) हैं और कई लोग जो रनिंग से लेकर नन रनिंग कार्य में हैं से भी हर महीने पांच-पांच हजार रुपये एसकेपी खलखो एंड टीम लेती है. ये लोग भी 2016 से लगातार अपने पद पर बने हुए हैं. सूत्रों का कहना है कि मुरी रनिंग रूम तथा हटिया रनिंग रूम के लिए रेलवे द्वारा एटीएम में इंप्रेस्ट मनी हर महीने डाला जाता है. यह एटीएम कार्ड एसकेपी खलखो के पास रहता है. इससे अलग वसूली की जा रही है. क्रू कंट्रोलर एवं टीएलसी की ड्यूटी में भी एमके सिंह, एम तिग्गा औऱ् सामत अंसारी आठ-आठ वर्षों से नियमित सेवाएं दे रहे हैं. टीएलसी और क्रू नियंत्रक की बहाली वर्षों से नहीं हो रही है, ताकि रनिंग कर्मचारी से पैसा लेकर नन रनिंग काम अनवरत जारी रहे. 

 

मुरी रेल सेक्शन में डेली ड्राइवर की कमी की वजह से ट्रेन फुट बैक हो रहा है. मुरी में आरडी चौहान ड्राइवर एसएस कुमार, आनंद कुमार, राजेश कुमार को खटवा रहे हैं. इन सभी से 10 से 12 दिन की ड्यूटी करायी जाती है और पूरे महीने का नाइट शिफ्ट और रनिंग ड्यूटी किलोमीटर के हिसाब से लिया जाता है. इसका हिस्सा आरडी चौहान और एसकेपी खलखो को मिलता है. जो पैसे नहीं देते हैं, उन्हें लीव विदाउट पे कर दिया जाता है. हटिया कार्यालय के क्रू कार्यालय में नियमत: चार लोगों का होना आवश्यक है, ताकि स्टाफ बुक में बुकिंग हो सके. पर यहां पीके सिंह नामक व्यक्ति 10 मिनट की कोचिंग बोर्ड बनाने के लिए नियुक्त किये गये हैं, जो ऑन ड्यूटी रहनेवाला रेलवे कर्मचारी भी कर सकता है.
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