नागवंशी राजा रघुनाथ शाहदेव का महल हुआ करता था चुटिया का श्रीराम मंदिर, छोटानागपुर का सबसे पुराना और ऐतिहासिक चुटिया का श्री राममंदिर
न्यूज11 भारत
रांची: छोटानागपुर का पुरानी राजधानी के रूप में जाने जाना वाला चुटिया स्थित श्री राम मंदिर का इतिहास बहुत पुराना और ऐतिहासिक है. राजधानी रांची चुटिया राम और शिव का एक अदभूत संगम स्थल भी है. इस मंदिर में एक समय में पूरे छोटानागपुर से लोग आते थे और पूरे नौ दिनों तक चुटिया के विभिन्न क्षेत्रों में रहकर पूजा-अर्चना करते थे. रामनवमी के अवसर पर कभी पूरे चुटिया में उत्साह जैसा महौल रहता था. आज यह मंदिर अपने ऐतहासिकता को प्रामणित करता है.
400 वर्ष पुराना है चुटिया राममंदिर का इतिहास
मंदिर के महंत गोपाल दास बताते हैं कि राज्य से राम का गहरा नाता है. चुटिया का राम मंदिर करीब 400 वर्ष पुराना है. 16वीं शताब्दी में चैतन्य महाप्रभु के चुटिया के राधाबल्लभ मंदिर (श्री राम मंदिर) आने व ठहरने के प्रमाण भी मिलते हैं. चैतन्य महाप्रभु ने झारखंड के संदर्भ में कहा था कि ‘अयं पात्रे, पयं पानम्, साल पात्रे च भोजनम्, खजूरी पात्रे शयनम्, झारखंड इति विधियते।’ यहां वक्त के साथ मंदिर में कई परिवर्तन आये हैं.
नागवंशी राजा रघुनाथ शाहदेव का यह महल था
महंत ने बताया कि उन्होंने बताया कि नागवंशी राजा रघुनाथ शाहदेव बड़े भक्त व्यक्तित्व के थे. वर्तमान राम मंदिर कभी उनका ही महल था. महल के चारों ओर गुफाएं थीं जहां दिन-रात पहरेदार रहा करते थे. राजा को जब कहीं आना जाना होता तो वो इन गुफाओं का इस्तेमाल करते थे.
ऐसे बना वहां मंदिर
यहां एक राधा कुंड था, जहां रानी स्नान किया करतीं थीं और राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना किया करती. राजा की भी आस्था कृष्ण में थी. एक बार राजा ने स्वप्न में देखा की आमूक आकृति का मंदिर बनाओ. इसके बाद राजा रघुनाथ शाहदेव ने 1687 ई में पत्थर का खूबसूरत मंदिर बनवाया और मंदिर के रख-रखाव के लिए गांव दान में दिया। बाद में राजा रघुनाथ रातू किला चले गए. इसके बाद से राम मंदिर की रक्षा और सेवा चुटियावासी ही करते आ रहे हैं.