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रांची/डेस्क: दिल्ली सीबीआई की एंटी करप्शन-3 ब्रांच ने 10 लाख रुपए की घूसखोरी मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है. प्राथमिकी में पटना- धनबाद प्रक्षेत्र के निलंबित प्रधान आयकर आयुक्त संतोष कुमार समेत 12 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. इनमें दो इनकम टैक्स ऑफ्सिर, दो बिल्डर, कोयला कारोबारी, डॉक्टर, सीए और बिचौलिए शामिल है.
सीबीआई ने प्राथमिकी में बताया है कि जमशेदपुर के एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक कौशल सिंह को 4 करोड़ रुपए का रिफंड जारी करने के लिए प्रधान आयकर आयुक्त ने घूस में अपने बेटे के नाम पर 1 करोड़ 25 लाख रूपए की अंचल संपत्ति ली. आयुक्त ने बिल्डर से 1.25 करोड़ की अंचल संपत्ति अपने बेटे सुमित के नाम पर लिखवाई.
वहीं, आयुक्त ने धनवाद के आपणो घर के संस्थापक जयप्रकाश देवरालिया के प्लैट को सीजमुक्त कराने के लिए अनिल सांवरिया द्वारा 15 लाख रुपये की घूस देने के ऑफर को भी स्वीकार किया है.
84 लाख रुपये के टैक्स पर 10 लाख मांगे
बता दें कि 9 अगस्त 2024 को प्रधान आयकर आयुक्त ने 84 लाख रुपये के एक टैक्स डिमांड के फेवर में 10 लाख रुपये की घूस की मांग की. आयुक्त ने आईटीओ प्रभाकर प्रसाद को निर्देश दिया कि वे सीए कुमार निशिकांत को सूचित करें कि यदि 10 लाख रुपये मिलते हैं, तो उनके क्लाइंट का टैक्स सेटलमेंट हो जाएगा. इसके अतिरिक्त, 14 मार्च 2024 को आयुक्त ने ओपी अग्रवाल और कृष्ण गोपाल अग्रवाल के टैक्स एसेसमेंट में करने के लिए 4 लाख रुपये की रिश्वत ली. इस मामले में अशोक चौरसिया और अमर दारूका ने बिचौलिए की भूमिका निभाई.