गौरव पाल/न्यूज11भारत
बहरागोड़ा/डेस्क: लाल बहादुर शास्त्री प्लस टू उच्च विद्यालय, जयपुरा की छात्रा लीपा गोराई ने इंटरमीडिएट कला परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए पूरे झारखंड राज्य में सातवां स्थान प्राप्त किया है. लीपा ने 460 अंक यानी 92% अंक हासिल कर पूर्वी सिंहभूम जिले की टॉपर बनने का गौरव प्राप्त किया है. उनकी यह उपलब्धि उनकी मेहनत, आत्मनिर्भरता और समर्पण का प्रत्यक्ष प्रमाण है.
लीपा ने बिना किसी ट्यूशन के घर पर रहकर पढ़ाई की. उनके पिता, कृष्णपद गोराई, चप पकड़ी का ठेला लगाते हैं और मां गृहिणी हैं. वे अपने परिवार की सबसे बड़ी संतान हैं और उनकी छोटी बहन सृष्टि गोराई अभी तीसरी कक्षा में पढ़ रही है.
अपनी सफलता पर लीपा कहती हैं, “मैंने केवल आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर यह मुकाम हासिल किया. मैं आगे ग्रेजुएशन के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करूंगी.” उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देते हुए कहा कि उनका सहयोग और प्रेरणा ही उनकी ताकत बनी.
विद्यालय का शानदार प्रदर्शन, टॉप-10 में पांच विद्यार्थी शामिल
इस साल लाल बहादुर शास्त्री प्लस टू उच्च विद्यालय, जयपुरा ने इंटरमीडिएट कला परीक्षा में ऐतिहासिक सफलता दर्ज की है. जिले की टॉप-10 सूची में विद्यालय के पाँच छात्रों ने स्थान पाकर पूरे क्षेत्र का नाम रौशन कर दिया.
परीक्षा में कुल 120 विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिनमें से:
* 101 विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी में सफलता पाई
* 13 विद्यार्थियों को द्वितीय श्रेणी मिली
* 3 विद्यार्थी मार्जिनल रहे
* कोई भी छात्र तृतीय श्रेणी में नहीं रहा
* विद्यालय का कुल सफलता प्रतिशत: 97.5%
जिले के टॉप-10 में शामिल अन्य प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं:
* दुर्गा दंडपाट (जयपुरा): 449 अंक (89.8%) – जिला में तीसरा स्थान
* आकाश नायक: 448 अंक (89.6%) – जिला में चौथा स्थान
* रितिका गोराई: 447 अंक (89.4%) – जिला में पाँचवां स्थान
* ऋतु राणा: 444 अंक (88.8%) – जिला में सातवां स्थान
इन विद्यार्थियों की सफलता यह साबित करती है कि समर्पण, अनुशासन और सही मार्गदर्शन से किसी भी ऊँचाई को छुआ जा सकता है.
प्रेरक शक्ति: प्राचार्य आनंद कुमार मधुकर
विद्यालय के प्राचार्य आनंद कुमार मधुकर, जो भूगोल के शिक्षक भी हैं और पूर्व में यूपीएससी कोचिंग से जुड़े रहे हैं, विद्यार्थियों के प्रेरणास्त्रोत बने. सभी टॉपर्स ने एक स्वर में अपनी सफलता का श्रेय उन्हें दिया. मधुकर सर छात्रों से कहते थे – "अगर तुम चाहो, तो यूपीएससी जैसी परीक्षा भी पास कर सकते हो – बस लगन और अनुशासन चाहिए." उनके इस सकारात्मक दृष्टिकोण और मार्गदर्शन ने विद्यार्थियों में आत्मविश्वास भरा और उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया.
स्कूल और क्षेत्र में उत्सव का माहौल
विद्यालय की इस सफलता से जयपुरा ही नहीं, पूरे बहरागोड़ा प्रखंड में उत्साह का माहौल है. शिक्षकों, अभिभावकों और स्थानीय समाजसेवियों ने सभी सफल छात्रों को बधाई दी है और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है. यह उपलब्धि सिर्फ एक स्कूल की नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा है – यह साबित करती है कि साधन सीमित हो सकते हैं, लेकिन अगर संकल्प मजबूत हो तो मंज़िल दूर नहीं.