अमित दत्ता//न्यूज 11 भारत
मुरी/डेस्क: मुरी स्थित हिंडाल्को एलुमिनियम फैक्ट्री में बुधवार को यूनियन के वार्षिक अधिवेशन का आयोजन जहां एक ओर पूरे उत्साह के साथ संपन्न हुआ, वहीं दूसरी ओर कामगारों के एक बड़े वर्ग ने इस आयोजन का कड़ा विरोध किया. विरोध का मुख्य कारण फैक्ट्री में कार्यरत मुरी एल्युमिनियम फैक्ट्री वर्क्स यूनियन की वैधता को लेकर उठे सवाल और श्रमिक हितों की लगातार अनदेखी है.
एक ओर हुआ अधिवेशन, दूसरी ओर श्रमिकों का गुस्सा
मुरी एल्युमिनियम क्लब में आयोजित इस वार्षिक अधिवेशन की अध्यक्षता राजकिशोर महतो ने की तथा संचालन विकास गांगुली ने किया. यूनियन के सचिव उपेन्द्र महतो ने वर्ष 2023-24 का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए संगठन की समीक्षा की.
इस मौके पर अध्यक्ष सुरेश महतो ने युवाओं से संगठनात्मक नेतृत्व में आगे आने का आह्वान किया और सचिव को नई कार्यकारिणी गठन का निर्देश दिया.
अधिवेशन में राजकुमार सोनार, नवल किशोर महतो, सुभाष महतो, चंदन मिश्रा, मेघनाथ महतो समेत सैकड़ों सदस्य मौजूद रहे.
विरोध में उतरे श्रमिक, बोले—यह यूनियन अवैध है
वहीं, अधिवेशन के समांतर श्रमिकों के एक वर्ग ने विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि यह यूनियन न तो झारखंड सरकार से मान्यता प्राप्त है और न ही इसका कोई वैध दर्जा है, बल्कि इसका पंजीकरण वर्ष 2017 में ही रद्द हो चुका है.
विरोध कर रहे श्रमिकों ने आरोप लगाया कि पिछले तीन वर्षों से यूनियन निष्क्रिय रही है और फैक्ट्री प्रबंधन इसके माध्यम से कामगारों पर दबाव बना रहा है.
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्हें अधिवेशन स्थल से निजी सुरक्षा गार्डों की मदद से दूर रखा गया और गेट पास जारी करने से भी वंचित कर दिया गया, जिससे वे अपनी बात नहीं रख सके. उन्होंने मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, विधायक अमित कुमार तथा झारखंड उच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग की है.
विधायक ने भी उठाई आवाज, मुख्यमंत्री समेत जिम्मेदारों को लिखा पत्र
इस पूरे मामले में सिल्ली विधायक अमित कुमार ने श्रमिकों की चिंता को साझा करते हुए सरकार के समक्ष गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, रांची उपायुक्त और श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री को पत्र लिखकर 25 जून को बुलाई गई वार्षिक आम सभा को अवैध बताते हुए उसे रद्द करने की मांग की है.
पत्र में मुख्यतः ये बिंदु उठाए
- यूनियन को राज्य या बिहार सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है.
- यह यूनियन राजनीतिक संरक्षण में एकपक्षीय रूप से कार्य कर रही है और श्रमिकों के वास्तविक हितों की अनदेखी कर रही है.
- फैक्ट्री में कोई निष्पक्ष यूनियन चुनाव लंबे समय से नहीं हुआ है, जिससे हजारों श्रमिकों का शोषण और दमन हो रहा है.
- श्रमिकों की मांग: निष्पक्ष यूनियन गठन हो
- विरोध कर रहे श्रमिकों ने कहा कि अब समय आ गया है कि फैक्ट्री में नए, निष्पक्ष और स्वतंत्र यूनियन गठन के लिए चुनाव कराए जाएं, ताकि मजदूरों को सही प्रतिनिधित्व और न्याय मिल सके.
- प्रदर्शन में रघुनंदन शिवराज महतो, मुकेश साहू, दीपक महतो, नीतिश महतो, मिहिराय महतो, अशोक महतो, मनोज महतो समेत बड़ी संख्या में श्रमिक शामिल रहे.
- हिंडाल्को फैक्ट्री में यूनियन को लेकर स्पष्ट विभाजन की स्थिति उभरकर सामने आई है. जहां एक ओर एक वर्ग यूनियन की गतिविधियों से संतुष्ट है, वहीं दूसरा पक्ष खुद को उपेक्षित और असहाय महसूस कर रहा है.
- विधायक के हस्तक्षेप के बाद अब इस मुद्दे ने प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर भी गंभीरता पकड़ ली है. यदि समय रहते कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो यह विवाद फैक्ट्री के श्रमिक तंत्र और औद्योगिक शांति को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है.
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