पवन कुमार सिंह/न्यूज11 भारत
छपरा/ डेस्कः- गोरखपुर से छपरा तक पूर्वोत्तर रेलवे के महत्वपूर्ण रूट पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार ने मंगलवार को विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण किया. उनके साथ पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर, वाराणसी मंडल के मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव सहित रेलवे के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
इस विशेष निरीक्षण यात्रा के दौरान अधिकारियों ने गोरखपुर से लेकर छपरा तक के रूट पर पड़ने वाले प्रमुख स्टेशनों – देवरिया सदर, भटनी, मैरवा, सिवान जंक्शन और छपरा जंक्शन का गहन निरीक्षण किया. उन्होंने स्टेशन पर यात्री सुविधाओं, ट्रैक की स्थिति, सिग्नलिंग सिस्टम और सफाई व्यवस्था का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए और सुधार हेतु सुझाव दिए.
निरीक्षण के बाद सतीश कुमार का काफिला विशेष सैलून से छपरा कचहरी होते हुए मढ़ौरा स्थित डीजल इंजन फैक्ट्री के लिए रवाना हुआ. गौरतलब है कि मढ़ौरा की यह फैक्ट्री भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जहां आधुनिक तकनीक से डीजल इंजन तैयार किए जा रहे हैं.
मढ़ौरा रेल फैक्ट्री से अफ्रीकी देश गिनी को भेजे जाने वाले लगभग 140 डीजल इंजनों की पहली खेप को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. इस डील की कुल अनुमानित राशि 3000 करोड़ रुपये है, जो भारत और गिनी के बीच आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को इस डील की पहली खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा.
इसी सिलसिले में रेलवे बोर्ड अध्यक्ष ने मढ़ौरा फैक्ट्री का निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने उत्पादन प्रक्रिया, गुणवत्ता नियंत्रण, शिपमेंट की तैयारी और सुरक्षा मानकों की जांच की. इस मौके पर उन्होंने कहा, "यह परियोजना भारतीय रेलवे की वैश्विक स्तर पर पहचान को और मजबूत करेगी. मढ़ौरा फैक्ट्री का यह योगदान देश की आर्थिक और तकनीकी क्षमता का परिचायक है."
रेलवे अधिकारियों के इस दौरे को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की पूर्व तैयारियों के रूप में देखा जा रहा है. स्थानीय प्रशासन ने भी मढ़ौरा में सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर कमर कस ली है.
इस ऐतिहासिक डील से न सिर्फ मढ़ौरा क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि भारत के लिए एक नई निर्यात नीति का भी मार्ग प्रशस्त होगा. रेलवे बोर्ड की यह पहल भारतीय रेलवे को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा...