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रांची/डेस्क: अमरनाथ यात्रा 2025 की शुरुआत 3 जुलाई से होने जा रही हैं. हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए इस पवित्र यात्रा पर निकलते है लेकिन इस बार माहौल थोड़ा अलग हैं. अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लोगों में डर का माहौल जरुर है लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. अगर आप भी इस साल अमरनाथ यात्रा की योजना बना रहे है तो यहां आपको मिलेगा पूरा यात्रा मार्ग, ठहरने, रजिस्ट्रेशन और खर्च का पूरा हिसाब-किताब.
कहां से शुरू होती है यात्रा और कैसे जाएं?
अमरनाथ यात्रा दो रूटों से होती है — बालटाल और पहलगाम. अगर आप हवाई सफर करना चाहते हैं, तो श्रीनगर के लिए डायरेक्ट फ्लाइट उपलब्ध हैं. वहीं ट्रेन से जाने वालों के लिए जम्मू तक सभी प्रमुख शहरों से ट्रेन सुविधा हैं. जम्मू से बस के जरिए बालटाल या पहलगाम पहुंचा जा सकता हैं. बस का किराया लगभग 700 रुपये से शुरू होता हैं.
टैक्सी और ठहरने की सुविधा
श्रीनगर एयरपोर्ट से बालटाल या पहलगाम के लिए शेयरिंग टैक्सी का किराया 800 से 1000 रुपये और प्राइवेट कार का किराया 4000 रुपये तक हो सकता हैं. बालटाल में रुकने के लिए टेंट की व्यवस्था है. 500 रुपये में शेयरिंग टेंट मिल जाता हैं. हालांकि फ्री रहने की व्यवस्था भी उपलब्ध हैं.
यात्रा की दूरी और एंट्री पॉइंट्स
बालटाल से अमरनाथ गुफा की दूरी करीब 14 किमी है और एंट्री दोमेल गेट से होती हैं. पहलगाम से दूरी करीब 32 किमी है, जहां से एंट्री चंदनवाड़ी गेट से होती हैं. यात्रा में प्रवेश के लिए RFID कार्ड अनिवार्य है, जिसकी फीस 250 रुपये हैं. इस कार्ड के बिना यात्रा संभव नहीं हैं. दोमेल तक फ्री बैटरी रिक्शा और बस सेवा मिलती है, जिससे 2 किमी की पैदल यात्रा कम हो जाती हैं. दोमेल गेट से यात्रा सुबह 4 बजे से 10 बजे तक शुरू होती हैं. घोड़ा लेना है तो उसका किराया 4000 से 5000 रुपये और पालकी का किराया 8000 रुपये तक होता हैं.
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और मेडिकल जांच: रजिस्ट्रेशन की शुरुआत अप्रैल से ही होती हैं. श्रद्धालु को मेडिकली फिट होना जरूरी है और मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरना होता हैं. एक बार सर्टिफिकेट अपलोड करने के बाद रजिस्ट्रेशन कन्फर्म हो जाता हैं.
कितना आता है कुल खर्च:
- यात्रा का मुख्य खर्चा जम्मू या श्रीनगर तक पहुंचने में होता हैं.
- खाने-पीने और रुकने की फ्री व्यवस्था ज्यादातर जगहों पर होती हैं.
- घोड़ा या पालकी लेने पर खर्च थोड़ा बढ़ सकता हैं.
इस बार अमरनाथ यात्रा केवल 38 दिनों की होगी. आमतौर पर यह दो महीने चलती है, लेकिन सुरक्षा कारणों से इस बार इसे सीमित रखा गया हैं. आतंकी हमले के बाद अब तक 2.35 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन केवल 85 हजार लोगों की यात्रा की पुष्टि हुई हैं.