शयामानंद सिह/न्यूज11 भारत
भागलपुर/डेस्कः- भागलपुर बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती थाना क्षेत्र के झामर गांव में पुलिस कार्रवाई को लेकर विवाद खड़ा हो गया है पुलिस की एक टीम डीएसपी-02 डॉ. अर्जुन कुमार गुप्ता के नेतृत्व में अपहरण के एक मामले में छापेमारी करने पहुंची इस दौरान घर के लोगों ने पुलिस पर अभद्र व्यवहार और मारपीट के आरोप लगाए हैं
मामला मिलन सिंह नामक व्यक्ति से जुड़ा है, जिनके खिलाफ उनके सौतेले भाई सुदीप सिंह ने अपहरण का आरोप लगाया था हालांकि, कुछ ही घंटों बाद सुदीप सिंह ने थाने पहुंचकर लिखित में बयान दिया कि उसका अपहरण नहीं हुआ है
घरवालों का पक्ष : बिना जानकारी के पहुंची पुलिस
मिलन सिंह और उनके परिजनों का कहना है कि उन्हें किसी भी एफआईआर की जानकारी नहीं थी उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी घर में दाखिल हुए और तलाशी के दौरान महिलाओं के साथ गलत व्यवहार किया परिवार का दावा है कि इस कार्रवाई में घर का सामान भी बिखेर दिया गया
डीएसपी पर भी लगाए आरोप मिलन सिंह की पत्नी का कहना है कि डीएसपी अर्जुन कुमार गुप्ता खुद उनके कमरे में पहुंचे और अपहरण के मामले की जानकारी दी परिवार ने पुलिस पर अभद्र भाषा के प्रयोग और डराने-धमकाने का भी आरोप लगाया छापेमारी में कुछ बरामद नहीं, बेटा गिरफ्तार
पुलिस ने घर की तलाशी ली, हालांकि कोई आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली इस दौरान मिलन सिंह के बेटे अभिनव को हिरासत में लिया गया बाद में अदालत में पर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर न्यायालय ने उन्हें रिहा कर दिया
पुलिस का पक्ष
इस संबंध में पीरपैंती थानाध्यक्ष नीरज कुमार ने कहा कि वरीय अधिकारियों के आदेश पर ही छापेमारी की गई थी उन्होंने कहा कि पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी के तहत कार्रवाई की
परिवार ने भेजी शिकायत
मिलन सिंह ने पूरे मामले की लिखित शिकायत वरीय पुलिस अधिकारियों को ईमेल और फोन के माध्यम से भेज दी है उन्होंने निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई की मांग की है
कानूनी जानकारों की राय
विधि विशेषज्ञों का मानना है कि अगर किसी आपराधिक मामले में शिकायतकर्ता स्वयं अपने आरोप से इनकार करता है और पुलिस की कार्रवाई में अनियमितता पाई जाती है, तो इसकी उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए