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रांची/डेस्कः- आईएएस बनने का सपना हर छात्रों का रहता है, लेकिन आईएएस बनकर इस तरह का दाग कोई भी नहीं लगाना चाहेगा. एक आईएएस अधिकारी को गुजरात सरकार ने कुछ दिन पहले ही गंभीर लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है. उनके द्वारा 2021 और 2024 के बीच राजस्व भुमी मामले में निपटने के लिए कथित तौर पर राज्य के वित्तीय नुकसान पहुंचाया है. इस दौरान वे सूरत जिले के कलेक्टर थे. इस आईएएस अफसर का नाम आयुष ओक है. ओक ने 2000 करोड़ रुपए के सरकारी जमीन के बंजर टूकड़े के किरायेदार के रुप में एक व्यक्ति का नाम डालने का आदेश दिया था.
प्रशासन विभाग के एक आदेश के अनुसार उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया है. निलंबन आदेश में कहा गया है कि उसके खिलाफ अनुशासत्मक कार्रवाई की जाएगी. उनपर गंभीर आरोप भी जिसके वजह से सरकारी खजाने को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
बता दें कि निलंबित आईएएस 2011 में यूपीएससी की परीक्षा में 42वीं रैंक हासिल की थी. उनका ये तीसरा प्रयास था. ओक ने महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से इंजिनीयरिंग की पढाई भी कर रखी है.
बता दें कि यह निलंबन कांग्रेस नेता दर्शन नाईक के शिकायत याचिका से संबंधित है. उसने सरकारी भुमी कि रेंटर के रुप में भगवानदास नाम का एक शख्स का नाम डालने के लिए आदेश पारित करने का आरोप लगाया था. इस जमीन की कीमत लगभग 2000 करोड़ बताई जा रही है. नाईक ने 20 मई को मुख्यमंत्री भुपेंद्र पटेल को दी गई शिकायत में कहा था कि यह आदेश 29 जमवरी को आया था. उसके ठीक दो दिन के बाद अफसर का तबादला हो गया था.