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रांची/डेस्क: झारखंड में 70 करोड़ रुपये से अधिक के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी के प्रबंध निदेशक विधु गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी बुधवार को की गई और इसे मामले में ACB की आठवीं गिरफ्तारी माना जा रहा है. विधु गुप्ता मूल रूप से ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उन्हें 20 मई को दर्ज कांड संख्या 09/25 के तहत गिरफ्तार किया गया है. ACB को इस घोटाले में विधु गुप्ता की संलिप्तता के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं.
छत्तीसगढ़ मॉडल की तर्ज पर झारखंड में भी घोटाले का खुलासा
जांच में सामने आया है कि झारखंड में सामने आया यह घोटाला छत्तीसगढ़ में उजागर हुए शराब घोटाले की तर्ज पर रचा गया था. इस घोटाले में पूर्व में गिरफ्तार व्यवसायी सिद्धार्थ सिंघानिया ने ही विधु गुप्ता और उनकी कंपनी को झारखंड में "अवैध जनशक्ति मॉडल" के प्रमुख संचालक के तौर पर सामने लाया था. ACB के मुताबिक, विधु गुप्ता की एजेंसी के माध्यम से झारखंड स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) की निविदाओं में फर्जी जनशक्ति की तैनाती की गई थी. इतना ही नहीं, आबकारी लाइसेंस धारकों और अन्य ठेकेदारों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों और बढ़े हुए वेतन दावों के जरिये सार्वजनिक धन का गबन किया गया.
विभिन्न राज्यों में फैला नेटवर्क
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि विधु गुप्ता के नियंत्रण में एक संगठित नेटवर्क काम कर रहा था, जिसमें ठेकेदारों, आबकारी अधिकारियों और जनशक्ति एजेंसियों की मिलीभगत शामिल थी. यह नेटवर्क केवल झारखंड तक सीमित नहीं था, बल्कि कई अन्य राज्यों में भी सक्रिय था. विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरफ्तारी ACB की जांच में एक महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आई है और आने वाले दिनों में अधिक गिरफ्तारी और खुलासे संभव हैं. ACB इस मामले को गहराई से खंगाल रही है, ताकि शराब वितरण प्रणाली से जुड़ी व्यवस्थागत अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की पूरी परतें उजागर की जा सकें.