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रांची/डेस्कः देवघर के पालाजोरी थाना क्षेत्र के दुधानी गांव निवासी साइबर आरोपी मेराज अंसारी नामक युवक का साइबर कस्टडी में संदिग्ध मौत हो गई हैं. जानकारी के अनुसार, बीते दिन साइबर पुलिस के द्वारा पालाजोरी एवं सारठ पुलिस के सहयोग से दुधानी गांव में छापेमारी कर साइबर आरोपी मेराज अंसारी को पकड़कर ले गया था. वहीं देर रात्रि को उक्त युवक की संदिग्ध अवस्था में मौत की सूचना मिली है, जिससे परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगाया है.
मेराज अंसारी के परिवार के अनुसार, पुलिस ने न केवल मेराज के साथ क्रूरता बरती, बल्कि उनकी विधवा मां के साथ भी अपमानजनक और अमानवीय व्यवहार किया हैं. मेराज अपने पीछे चार छोटे-छोटे बच्चों और एक असहाय परिवार को छोड़ गए हैं, जो अब अनाथ हो चुके हैं. उनके परिवार का भविष्य अब अनिश्चितता के अंधेरे में डूबा हुआ है. यह अत्यंत दुखद और अमानवीय है कि साइबर पुलिस ने हिरासत में मेराज की जान लेने से पहले उनके परिवार की जिम्मेदारियों और सामाजिक स्थिति पर जरा भी विचार नहीं किया. मेराज के बच्चों का भविष्य, उनकी शिक्षा, और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अब गंभीर संकट में है, जिसके लिए पुलिस की यह कार्रवाई सीधे तौर पर जिम्मेदार है.
वहीं, स्थानीय सूत्रों और समुदाय के लोगों का कहना है कि देवघर जिले में साइबर पुलिस द्वारा लगातार मुस्लिम दलित समुदाय के लोगों को बिना ठोस सबूत के जांच के नाम पर उठाया जा रहा है और उनके साथ उत्पीड़न किया जा रहा है. यह घटना केवल एक व्यक्ति की हत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित मॉब लिंचिंग का मामला प्रतीत होता है, जो पुलिस की कार्यशैली और नीयत पर गंभीर सवाल उठाता है. मुख्यमंत्री से विनम्र अनुरोध करते हैं कि इस गंभीर मामले का तत्काल संज्ञान लें और पीड़ित परिवार को त्वरित न्याय दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं.