के.एन.यादव/न्यूज़ 11 भारत
दुमका/डेस्क: मसलिया अंचल क्षेत्र के इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र में सड़क का अतिक्रमण कर योजनाएं बनाई जा रही है. अंचल क्षेत्र के मसानजोर पंचायत के मसानजोर मौजा के ही गोटीडीह जेरुवा सड़क संख्या 1902 के बीचोबीच सड़क पर गांधी चबूतरा बनाने का काम किया जा रहा है. यह काम तकरीबन दो महीने से चल रहा है पर इसपर किसी की नजर नहीं है. ग्रामीण बताते हैं यहां पुरानी सड़क लगभग पचास मीटर चौड़ी है. जिसपर पंचायत के पंद्रहवीं वित्त आयोग के मद से गांधी चबूतरा का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. योजना लगभग एक लाख की लागत से चबूतरा लाभुक समिति से बनाया जा रहा है. जहां बगैर योजना गत शिलापट्ट लगाए काम किया जा रहा है.गांव की ग्रामीण महिला ने बताया कि चबूतरा निर्माण में अनियमितता बरतते हुए बालू के स्थान पर मिट्टी भरा गया है. लेकिन जैसे ही मिट्टी को नीचे बैठाने के लिए पानी डाला गया गुणवत्ता हीन चबूतरे का दीवाल एक ओर ढह गया. इस काम को करा रहे गोटीडीह टोला के ग्रामीण व लाभुक समिति के बिमल मंडल ने दोबारा लीपापोती करते हुए चबूतरा को फिर से जोड़ दिया. ग्रामीणों ने बताया कि दीवाल तो जोड़ दिया लेकिन उसमें भरा मिट्टी को हटाया नहीं गया है. जिससे एक ओर जहां सड़क अतिक्रमण हो रहा है वहीं आने वाले समय में चबूतरा बनने के बाद भी धंस सकता है. इस संदर्भ में जब कनीय अभियंता जयदेव कुमार से पूछने पर बताया कि पंचायत सचिव के पास योजना का सारा अभिलेख जमा है मुझे जानकारी है कि लगभग एक लाख की योजना है बाकी वही कुछ बता पाएंगे. वहीं इस संदर्भ में अंचलाधिकारी रंजन यादव से फोन पर बात करने पर बताया कि कर्मचारी को भेजकर इसकी जांच कराई जाएगी.
मसानजोर मौजा में पूर्व में भी हो चुका है अतिक्रमण -
मसलिया के मसानजोर मौजा के गोटीडीह टोला में सड़क अतिक्रमण की यह घटना पहली बार नहीं बल्कि इससे पूर्व भी कई जगह अतिक्रमण हो चुका है. जिसमें सड़क पर कहीं मंदिर तो कहीं गौर मंडली आदि बनाया गया है. जिसपर कोई लिखित शिकायत न होने के वजह से अंचल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
अंचल प्रशासन के अधिकारी कभी भी नहीं लेते हैं स्वतः संज्ञान- सड़क अतिक्रमण हो या गोचर भूमि अधिग्रहण हो. जब तक लिखित शिकायत नहीं मिलती अंचल प्रशासन कोई भी कारवाई नहीं करती है जिस कारण अतिक्रमकारियों को कोई कानून का डर ही नहीं रहता और वे जहां चाहे वाहां योजना बना देते हैं.