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रांची/डेस्क: पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त केंद्र सरकार की ओर से फरवरी महीने के आखिरी तक जारी की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 24 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के दौरे पर रहेंगे. यहां वह कृषि कार्यक्रम में भाग लेने वाले है. इसके अलावा वह अन्य विकास कार्यक्रमों का शुभारंभ करेंगे. इस दौरान ही वह पीएम किसान योजना की 19वीं किस्त का वितरण करेंगे.
तुरंत कराएं ईकेवाईसी
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना को लेकर एक बाद ध्यान देने वाली है कि. इस योजना के तहत आने वाले लाभुकों को लाभ प्राप्त करने के लिए ई-केवाईसी होना जरूरी है. उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना का 18वीं किस्त 15 अक्टूबर, 2024 को जारी की थी.
पीएम किसान योजना क्या है?
पीएम किसान योजना केंद्र सरकार की एक योजना है. इसका सरकार द्वारा 100 प्रतिशत वित्तपोषण किया जाता है. इसके तहत सीधे लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में किस्त की राशि सीधे ट्रांसफर किए जाते है. इस योजना के तहत जिन किसानों के नाम पर कृषि योग्य भूमि है, उनके बैंक अकाउंट में हर 4 महीने में 2000 रुपये की तीन बराबर किस्तों में 6000 रुपये का सालाना भुगतान किया जाता है.
क्यों ईकेवाईसी कराना है जरूरी?
ईकेवाईसी कराना इसलिए जरूरी है, क्योंकि बिना किसी बिचौलिए की भागीदारी के योजना का लाभ देश भर के सभी किसानों तक पहुंचे. ईकेवाईसी कराने से धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है.
कैसे करें ईकेवाईसी
इस योजना के लाभुक तीन तरीके से ईकेवाईसी करवा सकते है. जैसे आप पीएम-किसान पोर्टल और मोबाइल ऐप के मदद से ओटीपी आधारित ई-केवाईसी करवा सकते है. इसके अलावा आप कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) और राज्य सेवा केंद्र (एसएसके) से बायोमेट्रिक आधारित ई-केवाईसी करवा सकते है. पीएम किसान मोबाइल ऐप के माध्यम से आप फेस ऑथेंटिकेशन-आधारित ई-केवाईसी करवा सकते है.
पीएम किसान योजना के लिए कैसे करें पंजीकरण?
योजना के पात्र लाभुकों को को सबसे पहले अपना नागरिकता प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, भूमि के स्वामित्व को दर्शाने वाले दस्तावेज को बैंक अकाउंट डिटेल के साथ ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इसके बाद आपको सबसे पहले पीएम-किसान पोर्टल पर जाकर रजिस्टर ऑनलाइन के विकल्प पर क्लिक करना होगा. इसके बाद निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर जाएं. इसके बाद अपने राज्य सरकार के नोडल अधिकारियों से संपर्क करें और स्थानीय पटवारी या राजस्व अधिकारी से संपर्क करें.