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रांची/डेस्कः ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में अपने अलग-अलग नियम है. हम ऐसे ही देश के एक राज्य के बारे में आपको बताएंगे. जहां ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए इच्छुक लोगों को अब और भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. क्योंकि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने के बाद उन्हें रियल लाइफ ड्राइविंग टेस्ट भी देना अनिवार्य होगा. यानी कि आवेदकों को बिजी ट्रैफिक में वाहनों के आवाजाही के बीच वाहन चलाते हुए अपनी ड्राइविंग स्किल को साबित करके दिखाना होगा. तभी उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस मिल पाएंगे. दरअसल, केरल मोटर वाहन विभाग (MVD) ने राज्य के ड्राइविंग टेस्ट के नियमों में कई बड़े बदलाव किए है. जिससे यहां के राज्यवासियों को ड्राइविंग लाइसेंस लेना अब और मुश्किल साबित होगा. बता दें, MVD नियमों मे बदलाव के साथ ही बताया है कि डीएल के आवेदकों को रियल लाइफ ड्राइविंग टेस्ट देना होगा. इसके तहत उन्हें बीच सड़क पर बिजी ट्रैफिक में रियल लाइफ ड्राइविंग टेस्ट देकर अपने ड्राइविंग स्किल को साबित करना होगा.
जानें नए ड्राइविंग टेस्ट में क्या है नियम
ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर केरल मोटर वाहन विभाग (MVD) ने आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि Driving Licence (ड्राइविंग लाइसेंस) के लिए अब आवेदकों को वास्तविक रुप से व्यस्ततम (Busy) सड़क पर Driving Test देना जरुरी होगा. इसके साथ ही उन्हें पैरेलल पार्किंग, एंगुलर पार्किंग, जिग-जैग ड्राइविंग जैसे कई ड्राइविंग टेस्ट भी देने होंगे. इन सभी नियमों को अब एंगुलर पार्किंग, विभाग ने अनिवार्य कर दिया है. विभाग के अनुसार, इस सर्कुलर में 'H' टेस्ट करने से पहले ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को ग्रेडिएंट टेस्ट से भी गुजरना पड़ेगा.
Driving Test में शामिल नहीं होंगे इलेक्ट्रिक और ऑटोमेटिक कार
आपको बता दें. ये सभी नियम नए ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों और रेन्यू करवाने वाले लोगों के लिए भी लागू होगा. विभाग की तरफ से नए नियमों में यह प्रावधान भी जोड़ दिया गया है कि 15 साल से अधिक पुरानी किसी भी चार पहिए वाहन (कार) का उपयोग Driving Test के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा. नए नियम के मुताबिक, Driving Licence के दौरान दोपहिया वाहन सेग्मेंट में सिर्फ उन्हीं वाहनों को शामिल किया जाएगा जिसकी इंजन क्षमता 95 सीसी या उससे ऊपर की होगी. इसके साथ ही ड्राइविंग टेस्ट के लिए चारपहिया वाहनों में इलेक्ट्रिक और ऑटोमेटिक कारों को बाहर रखा जाएगा. नए नियम मुताबिक, Driving Test के लिए टेस्टिंग वाहनों में व्हीकल लोकेशन, डैशबोर्ड कैमरा, ट्रैकिंग डिवाइस (GPS) को इंस्टॉल करवाना जरूरी होगा.
नए नियमों को ड्राइविंग स्कूल एसोसिएशन कोर्ट में दी चुनौती
Driving Test के दौरान ड्राइविंग इंस्ट्रक्टर को ड्राइविंग टेस्ट को पूरा रिकॉर्ड करना होगा. इसके लिए उन्हें एक मेमोरी कार्ड अपने पास रखना होगा. बाद में रिकॉर्डिंग को MVD सिस्टम में ट्रांसफर किया जाएगा. इसके साथ ही ड्राइविंग टेस्ट देने वाले सभी आवेदक को अगले 3 महीनों तक रिकॉर्डिंग की एक-एक कॉपी अपने पास मेमोरी कार्ड रखना जरूरी होगा. हालांकि इस सर्कुलर को वर्कर्स एसोसिएशन और केरल मोटर ड्राइविंग स्कूल इंस्ट्रक्टर ने केरल हाईकोर्ट में चुनौती दी है. लेकिन इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. दरअसल, विभाग की तरफ से जारी इन नए बदलावों को एसोसिएशन चुनौतीपुर्ण मान रहा है.