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रांची/डेस्क:क्या आपने कभी सुना है कि कोई बेटा कुछ पैसों के लिए मां का कातिल बन जाए? वो मां जिसने उसे 9 महीने कोख में रखा, जन्म दिया और पाल पोसकर बड़ा किया. चंद पैसों के लिए बेटा ही अपनी मां का कातिल बन गया. गाजियाबाद के लोनी में रिश्तों के कत्ल ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया. महज 1.5 लाख के लिए बड़े बेटे ने अपनी 65 वर्षीय मां को मौत के घाट उतार दिया. कर्जा चुकाने के लिए बेटा मां से पैसे मांग रहा था. मां के पैसे नहीं लौटाने से वो नाराज था, आखिरकार उसने खौफनाक कदम उठाने का फैसला ले लिया. आरोपी शख्स ने अपनी मां की ही निर्मम हत्या नहीं की बल्कि अपने भाई को भी मार दिया. रिश्तों के कत्ल का ऐसा सन्न कर देने वाला मामला सामने आने के बाद बस यही सवाल उठ रहा कि आखिर ये कलयुगी महाभारत कब खत्म होगी?
मां से इस वजह से खफा था बेटा
दोहरे हत्याकांड में भले ही आरोपी बेटा मर्डर की असल वजह कर्ज के पैसे बता रहा हो, लेकिन पूरा मामला संपत्ति विवाद से जुड़ा बताया जा रहा. जानकारी के मुताबिक, बेटा धर्मेंद्र अपनी मां से डेढ़ लाख की मांग करता था. धर्मेंद्र शराब पीने का आदी था. उसके नशे की लत के चलते उस पर काफी कर्ज हो गया था. उसकी मां उसकी शराब के लत से परेशान हो गई थी वह अपने बेटे को लगातार समझाती की नशा करना छोड़ दे. इसके बावजूद आरोपी मानने को तैयार नहीं था. मां को लगता था कि अगर वो उसे पैसे देगी तो उसका बेटा वह भी शराब में ही उड़ा देगा. बस इसी से बचने के लिए उसने पैसे लौटाने से मना कर दिया. एक मां के लिहाज से सोचें तो उन्होंने कुछ गलत नहीं सोचा. हर मां चाहती है कि उनका बेटा नशे की लत से बाहर निकले.
रिश्तों के कत्ल की इनसाइड स्टोरी
हालांकि, इस मर्डर केस में एक अंदर की बात सामने आ रही. आरोपी शख्स की मानें तो उसकी मां उसके दूसरे भाइयों को ज्यादा प्यार करती थीं. वह अपने मझले और छोटे बेटे पर ज्यादा भरोसा करती थीं. उन्हें ही पैसे देती थी. बड़े बेटे धर्मेंद्र को इस बात की खुनस थी. बताया जा रहा कि मंगलवार रात वह करीब 11 बजे वह शराब पीकर घर आया. उसके मन में बहुत दिनों से गुस्सा भर था कि उसकी मां उसे पैसे नहीं दे रही. देर रात उसने छत से खाट का पाया उठाया और फर्स्ट फ्लोर पर पहुंच गया. जहा उसकी मां यशोदा और भाई बिजेन्द्र सो रहे थे. उसने सोती हुई मां के सिर पर चारपाई का पाया दे मारा. जिसे वजह से चीखी और जिसे दिव्यांग बेटे बिजेंद्र की नींद खुल गई लेकिन सर पर चोट लगने की वजह से उसके मा की मौके पर मौत ही गई. धर्मेंद्र जुर्म का कोई सबूत नहीं छोड़ना चाहता था, इसलिए उसी चारपाई का पाया से आपने भाई को भी मौत के घाट उतार दिया.
मृत महिला के परिवार में कौन-कौन
जानकारी के मुताबिक, गुलाब वाटिका में रहने वाले हरिराम डीटीसी से रिटायर्ड थे. कई साल पहले उनकी मौत हो चुकी थी. परिवार में उनकी पत्नी यशोदा (65) और पांच बच्चे हैं, जिनमें दो बेटी सुषमा और कल्पना की शादी हो चुकी है. तीन बेटे धर्मेंद्र (45) बिजेन्द्र (35) और आकाश (30) हैं. इसमें धर्मेंद्र मकान के सबसे ऊपर दूसरे फ्लोर पर पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे. सुषमा अपने दिव्यांग बेटे बिजेंद्र के साथ पहले और सबसे नीचे आकाश रहता है. डबल मर्डर का खुलासा उस समय हुआ जब परिवार के लोग बुधवार सुबह उठे. पहले फ्लोर का दरवाजा खुला था और अंदर 65 वर्षीय यशोदा और बिजेंद्र के शव पड़े थे. सूचना के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया.
कैसे आरोपी तक पहुंची पुलिस
सुबह जब आकाश ने देखा की उसकी मा अभी तक रूम से बाहर नहीं निकलीं है तो वह उनके कमरे में गया और देखा उसकी मा और भाई दोनों बेड पर लहूलुहान पड़े हुए है. फिर उसने चिल्लाकर अपने भाई धर्मेंद्र को बुलया और फिर उन्होंने पुलिस को कॉल किया. पुलिस जब मौके पर पहुंचकर जांच की और सबूत जुटने लगे. पुलिस ने जब धर्मेंद्र से पूछताछ तो उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की. उसने कहा कि लूट को लेकर ये वारदात हुई है. जांच- पड़ताल करने के दौरान पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चारपाई के पाये को भी पड़ोस के प्लॉट से बरामद कर लिया है.
डीसीपी रूरल विवेक चंद्र ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि शुरुआत में पुलिस के लिए यह हत्या एक चुनौती बन गई थी. पुलिस ने जांच में पाया कि घटनास्थल पर खुली अलमारियों में रखी जूलरी और पैसे वहीं थे. फिर हमने आकाश से पूछताछ किया जिसमे उसने बतया की बड़े भाई माँ से पैसे मांग रहे थे. बस फिर क्या था संदेह मृतका के बड़े बेटे धर्मेंद्र पर हुआ और हमने हिरासत में ले लिया.कड़ी पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल लिया. इस तरह से पुलिस ने महज नौ घंटे में डबल मर्डर को सुलझाया. हालांकि, जिस तरह से पूरा घटनाक्रम सामने आया वो आज के दौर में टूट रहे रिश्तों की कहानी बयां कर रहा. कैसे एक बेटा अपनी मां के बारे गलत धारणा बना लेता है कि वो उससे ज्यादा उसके छोटे भाइयों को प्यार और विश्वास करती थीं. मन में उठी एक गलत धारणा के चलते वो मां-भाई की हत्या करने से भी बाज नहीं आया.