राज्य के सबसे कद्दावर नेता है हेमंत सोरेन, जहां से चुनाव लड़ेंगे उनकी जीत सुनिश्चित- राजेश ठाकुर
न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की तरफ से कभी भी चुनाव के तिथियों की घोषणा हो सकती है. इस बीच झारखंड में गठबंधन की तरफ से लोकसभा सीटों को लेकर बंटवारा करीब फाइनल हो गया है. सूत्रों से मिल रही खबर के अनुसार, कांग्रेस 7, जेएमएम 5, राजद 1 और माले 1 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी.
कार्यकर्ताओं की इच्छा..हेमंत सोरेन चुनाव लड़े- JMM
रिपोर्ट्स के मुताबिक, JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) 5 लोकसभा सीट राजमहल, दुमका, गिरिडीह, सिंहभूम और जमशेदपुर पर चुनाव लड़ेगी. बता दें, दुमका जेएमएम की परंपरागत सीट रही है. सूत्रों के अनुसार, इस संसदीय सीट से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनाव लड़ सकते हैं. जो इस वक्त जमीन घोटाला से जुड़े मामले में होटवार जेल में बंद है. हेमंत सोरेन के दुमका संसदीय सीट से चुनाव लड़ने के संबंध में पार्टी की तरफ से कहा गया है कि यह पार्टी के कार्यकर्ताओं की इच्छा है. हालांकि इसपर अंतिम निर्णय पार्टी सुप्रीमो और पार्टी के वरीय नेताओं को लेना है.
हेमंत सोरेन के साथ राज्य की 3:15 करोड़ जनता खड़ी है- मनोज पांडे
आपको बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झामुमो (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं. पार्टी का कहना है कि हेमंत सोरेन का कहीं से भी चुनाव लड़ना विपक्षियों में बौखलाहट ला देगा. अगर हेमंत सोरेन लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो हम जैसे कार्यकर्ताओं में खुशी आएगी. इस संबंध में जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि एक कार्यकर्ता होने के नाते मेरी भी इच्छा है कि वे लोकसभा चुनाव लड़े. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के साथ राज्य की 3:15 करोड़ जनता खड़ी है.
महागठबंधन के अंदर सीटों का तालमेल हो चुका है- राजेश ठाकुर
इधर, लोकसभा सीटों की घोषणा पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि महागठबंधन के अंदर सीटों का तालमेल हो चुका है. कुछ प्रक्रिया बाकी है उसके बाद घोषणा हो जाएगी. बीजेपी ने घोषणा कर दी है तो हम भी कर दें यह जरूरी नहीं है. कुछ सीटों की लेकर जीत के सवाल पर कहा कि 14 सीट पर जीत होनी चाहिए. कोई किसी सीट पर कमजोर नहीं है. 14 सीट पर जेएमएम भी मजबूत और कांग्रेस भी. कई पर राजद भी मजबूत है. जब ऐसी गठबंधन बनती है तो सभी लोगों को त्याग करना पड़ता है. कभी-कभी कार्यकर्ताओं की भावना को भी नजरअंदाज करना पड़ता है. महागठबंधन में कोई छोटा-बड़ा नहीं है.
राज्य के सबसे कद्दावर नेता है हेमंत सोरेन- ठाकुर
वहीं हेमंत सोरेन के दुमका से लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वैसे तो यह मामला उनके पार्टी का हैं लेकिन हेमंत सोरेन इस राज्य के सबसे कद्दावर नेता है वे जहां से चुनाव लड़ेंगे उनकी जीत सुनिश्चित है. मेरी व्यक्तिगत राय उनको चुनाव लड़ना चाहिए. वे चुनाव ना लड़ सकें इसीलिए तो इस तरह के प्रयास उनके साथ किए गए हैं. संघर्ष वाले व्यक्ति है संघर्ष की पैदाइश है.