न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः 11 अप्रैल को राजधानी रांची सहित राज्यभर में धूमधाम से प्रकृति महापर्व सरहुल मनाया गया. इस दौरान शहर की सड़कों पर सरहुल की शोभायात्रा में ED, CBI की कार्रवाई और सरना धर्म कोड से संबंधित झांकियां भी प्रदर्शित की गई. इधर, शोभा यात्रा के बीच सड़कों पर निकाले गए इन झांकियों पर बीजेपी नेता और सांसद दीपक प्रकाश ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
पर्दे के पीछे जो लोग है उनका चेहरा बेनकाब होना चाहिए- सांसद
बीजेपी सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि शोभायात्रा में ईडी, सीबीआई की कार्रवाई और सरना धर्म कोड से संबंधित झांकी दिखाकर सरेआम आदर्श संहिता का उल्लंघन किया गया है. ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और उनकी तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए. सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि पर्दे के पीछे जो लोग है उनका चेहरा बेनकाब होना चाहिए.
BJP के बयानों का पलटवार, JMM ने कहा- झांकी से उनका दर्द-गुस्सा दिखा
इधर, बीजेपी सांसद दीपक प्रकाश के सरहुल की शोभायात्रा में ईडी, सीबीआई की कार्रवाई और सरना धर्म कोड से संबंधित झांकी पर दिए बयानों पर JMM ने पलटवार किया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कल (11 अप्रैल) का सरहुल विशिष्ट रूप से सामने आया. प्रकृति के साथ छेड़छाड़ को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ सरहुल की शोभायात्रा में उसका दर्द और गुस्सा दिखा.
आदिवासी है तो प्रकृति है जल है जमीन है जानवर है. प्रकृति के इस तत्व को समाप्त करने की बीजेपी की जो साजिश हैं कल दिखा. उन्होंने बीजेपी और केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि बीजेपी बताएं कि आदिवासी सरना धर्मकोड कब लागू होगा. शोभायात्रा के बहाने लोगों ने पूछा चंदा चोर कौन है. बीजेपी के नेता मंच पर बैठे हुए थे. 21 अप्रैल को सरना धर्म कोड वाले आ रहे हैं सही सनातनी आ रहे हैं.
लोबिन दा हमारे सीनियर लीडर, उनसे संपर्क साधा जा रहा- JMM
वहीं बोरिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक लोबिन हेंब्रम के राजमहल से निर्दलीय चुनाव लड़ने फैसले पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि लोबिन दा हमारे सीनियर लीडर है उनकी भावना सामने आई है उनसे संपर्क साधा जा रहा है हालांकि अभी वक्त है. उन्होंने कहा कि ईडी, सीबीआई की झांकी यहां के लोगों का आक्रोश है. लोग अपना आक्रोश भी व्यक्त नहीं कर पाएं? कल को चुनाव में जाएंगे तो क्या हम भाषण भी नहीं देंगे? वो भी सिर्फ इसलिए कि मोदी जी को बुरा लगेगा. चुनाव आयोग से आदिवासी समाज लड़ेगा. हमारे सामाजिक संगठन इसका प्रतिरोध करेंगे.