मनीष मंडल/न्यूज़11 भारत
बेंगाबाद/डेस्क: जल नल योजना के तहत बने पानी टंकी किसी न किसी बहाने को लेकर आए दिन-ब-दिन सुर्खियों में रहती है कहीं टूटे हुए पाइप बिछाने को लेकर, तो कहीं पानी लीकेज होने को लेकर, तो कहीं टंकी निर्माण में अनियमितता बरतने को लेकर आज हम आपको एक ऐसे टंकी से मिलवाने जा रहे हैं खबर दिखाने जा रहे हैं. जहां से पानी निकलने की जगह मोबाइल चार्ज होता है.
हम बात कर रहे है. झारखंड का एक ऐसा गांव जहां पर जल नल योजना के तहत बने अजुबा पानी टंकी से पानी के निकलने की जगह मोबाइल चार्ज होता है जी हां बिल्कुल ठीक पढ़ा आपने सही सुना कुछ ऐसा ही मामला गिरिडीह जिले के बेंगाबाद प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत भंडारीडीह के बरियारपुर गांव में देखने को मिला है जहां पर जल नल योजना के तहत लाखों रुपये की लागत से सोलर प्लेट से चलने वाले मोटर के साथ पानी टंकी का निर्माण कराया गया है जिससे इस गांव के ग्रामीणों की प्यास बुझा सके पानी मिल सके लेकिन देखने यह लगता है की पानी की टंकी खुद प्यासा है तो दूसरे को पानी क्या देगा ग्रामीणों की प्यास क्या बुझायेगा.
पानी टंकी बंद पड़ा है और लोगों को पानी नही मिल रहा है. तब गांव के कुछ तेजश्वी युवा पीढ़ी के लोग इस पानी टंकी में लगे सोलर प्लेट का उपयोग मोटर चलाने में नहीं बल्कि मोबाइल फोन चार्ज करके उपयोग में ला रहे हैं. जो पूरे झारखंड में चर्चा का विषय बना हुआ है.
इस संबंध में स्थानीय मुखिया मोहम्मद सिद्दीक अंसारी से बात करने पर कहा कि इस टंकी को निर्माण करवाने में सरकार की लाखों रुपए खर्च हुए हैं. इस टंकी के बनने से लोगों को पानी मिलेगी सुविधा होगी लेकिन इस संवेदक की घोर लापरवाही के कारण यह योजना टांय-टांय फीस साबित हो रहा है. महज कुछ ही दिनों में खराब हो गया बंद पड़ा हुआ है उन्होंने बताया कि पूर्व में इसकी शिकायत विभाग के वरीय अधिकारियों को किया था लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हुआ.
उन्होंने गिरिडीह उपायुक्त से जांच पड़ताल कर कर्रवाई करने की मांग की है वहीं उन्होंने ग्रामीणों अपील किया है कि यह जो नल जल योजना की टंकी लगाया गया है यह सरकार के द्वारा आप सभी के लिए लगाया गया है और यह ग्रामीण लोगों के लिए है. ग्रामीण लोग इसे अपना समझकर इसे सुरक्षित रखने का काम करें जिम्मा लें लेकिन यहां के कुछ लोगों के द्वारा उस बंद पानी टंकी का तार के कनेक्शन को काटकर मोबाइल चार्ज कर रहे हैं जो गलत बात है विभाग इस पर एक्शन लेकर इसकी मरम्मत या जांच करवाएं. फिलहाल यह पूरा मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.