प्रिंस यादव / न्यूज11 भारत
गोड्डा/डेस्कः जिला के ईस्ट कोलफील्ड लिमिटेड एकल की ललमटिया कोयला खदान ब्लास्टिंग का मामला कोई नया नहीं है लेकिन अब ब्लास्टिंग की वजह से घर फटकर गिर गया है दरअसल, उस इलाके में रहने वाले संतोष कुमार साह दोपहर के तीन बजे के करीब अपने घर पर सोए हुए थे इसी बीच ऊपर छत की चट्टाने गिरी. जिससे वे जख्मी हो गए है. बता दें, यह पूरा मामला जिले के ललमटिया कोयला खदान के नजदीक लोहंडिया गांव का है.
इलाके में अचानक हुई इस हैवी ब्लास्टिंग की वजह से लोगों में दहशत का माहौल है. आलम यह है कि अब तो लोग अपने घरों में भी रहने से डर रहे है. कि कब उनका छत उन्हीं के सर के ऊपर काल बनकर ना आ जाए. इलाके में रहने वाले सभी लोग इस वजह से डरे और सहमे हुए है. देश की ऊर्जा जरूरत को पूरा करने वाली कोयला अब इस क्षेत्र के लोगों के लिए मौत का खौफनाक मंजर बन चुका हैं. चलिए घर फट कर गिरने वाला तस्वीरें दिखाते हैं..
दरअसल, ये तस्वीरें गोड्डा जिला के ललमटिया स्थित ईसीएल कोल परियोजना से सटे इलाके लोहंडिया बाजार की है. जहां घर के छत से चट्टानें गिरने पर घर के एक सदस्य जख्मी हो गया हैं. इस घटना के बाद अब यहां के ग्रामीण आक्रोशित है. हैवी ब्लास्टिंग से घर में दरारों के साथ फट-फटकर गिरने लगी है. जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है. जिससे लोगों के जान पर खतरा मंडरा रहा है. सीरियल ब्लास्ट और उससे उठती कंपन दिल को दहला देने वाली है. लोगों का कहना है कि ईसीएल अपने मनमाने तरीके से नियम कानून को ताक पर रखकर हैवी ब्लास्टिंग करती है. जिसके कारण यहां के लोग उनकी हरकतों से परेशान है.
पूरे मामले पर क्या कहते हैं पीड़ित परिवार के लोग
घायल संतोष कुमार साह ने बताया कि तकरीबन 3 बजे खाना खा वे कर सोए हुए थे. इसी दौरान हैवी ब्लास्टिंग हुआ और घर के छत से चट्टान गिरकर पेट के पास लगते हुए जा गिरा. उन्होंने बताया कि यह चट्टान करीब 10 से 12 किलो की थी हालांकि गनीमत रही कि चट्टान का वह हिस्सा माथा पर या पेट पर नहीं गिरा. नहीं तो मेरी जिंदगी समाप्त थी. उन्होंने कहा कि मुआवजे के नाम पर यहां खानापूर्ति की जाती हैं. न तो रिपेयरिंग किया जाता है. और न ही गांव के लिए कोई काम करता है. सिर्फ 8 से 10 बार हैवी ब्लास्टिंग करता है. अगर किसी प्रकार की कोई बड़ी अनहोनी होती है तो इसका जिम्मेदार ईसीएल को ठहराया है.

ईसीएल के हैवी ब्लास्टिंग से घर पौधा के तरह हिलता है. वहीं घायल की बेटी मन्नत ने बताया कि यह घटना 3:30 में हुआ है उस वक्त मेरे पिताजी खाना खाकर सो रहे थे. तभी जोरदार ब्लास्टिंग हुआ और छत की चट्टाने पापा के ऊपर गिर गया. मन्नत ने बताया कि हम दोनो बहन यह बैठकर पढ़ाई करते है. अगर हम लोगों पर गिर गया होता तो...उसने बताया कि इसके अलावा मेरी मां इस दुनिया में नहीं है घर में हम दोनों बहनें ही रहते हैं अगर किसी प्रकार की कोई बड़ी दुर्घटना हो गई तो कौन देखेगा.
मन्नत ने कहा कि इस घर में रहने से अब डर लगता हैं. पूरी तरह से छत फट गया है. घर की दीवारों में दरारें आ गई है. इसका कारण यहां की हैवी ब्लास्टिंग है. वहीं मोहल्ले की एक महिला ने बताया तकरीबन 3 बजे हैवी ब्लास्टिंग हुआ था जिसके कारण छत की चट्टाने गिर गई. अब यहां रहने पर डर लगता हैं. बच्चे भी घर में सोते है. 8 से 10 बार हैवी ब्लास्टिंग से अब घर में रहने से भी डर लगता हैं. यहां सौ प्रतिशत घरों की समस्या है. जो कभी भी किसी के साथ बड़ी अनहोनी हो सकती है. जान का भी कतरा है.