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रांची/डेस्क: देशभर में सर्दी ने दस्तक दे दी है, और कई राज्यों में बारिश और बिजली गिरने के बीच, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने एक और तूफान को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया है. IMD का ताजा पूर्वानुमान बताता है कि एक बार फिर भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है.
मॉनसून के बाद तूफानी गतिविधियाँ तेज होती हैं
पूर्वोत्तर मानसून के दौरान हिंद महासागर में तूफानी गतिविधियाँ अक्सर बढ़ जाती हैं. इस वजह से नवंबर में तूफान अपनी चोटी पर पहुंच सकते हैं, हालांकि इस साल यह कुछ हद तक शांत रहा है. मानसून के बाद अब तक इस सीजन का एकमात्र तूफान ‘दाना’ था, जो अक्टूबर 2024 में एक खतरनाक कैट-1 चक्रवात के रूप में सामने आया. दाना ने बंगाल की खाड़ी से सटे इलाकों में भारी तबाही मचाई और ओडिशा के धामरा बंदरगाह के पास 24-25 अक्टूबर की रात तट से टकराया.
नवंबर के अंत में फिर आ सकता है तूफान
अब IMD ने बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात के संकेत दिए हैं. मौसम विभाग का कहना है कि 21 नवंबर को अंडमान सागर के दक्षिणी हिस्से में एक चक्रवात बनने की संभावना है. यह तूफान 22 से 23 नवंबर के बीच और भी तेज़ हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो 23 नवंबर तक यहां एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है और संभावना है कि यह डिप्रेशन में बदल जाए.
श्रीलंका को हो सकती है तबाही
IMD के मुताबिक, यह सिस्टम धीरे-धीरे पश्चिम और उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ेगा, और अंततः एक चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है. मौसम विभाग का अनुमान है कि यह तूफान 26 और 27 नवंबर के बीच उत्तरी श्रीलंका के तट से टकरा सकता है.
अभी असमंजस, ट्रैक और तीव्रता पर संदेह
हालांकि, IMD ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान स्थिति में इस तूफान के ट्रैक और तीव्रता का अनुमान लगाना मुश्किल है. यह सिस्टम कैसे विकसित होगा, इसका पता आने वाले दिनों में ही चलेगा. फिलहाल, तूफान के आने या न आने का फैसला इसकी गति पर निर्भर करेगा.
तूफान का नाम क्या होगा?
अगर यह चक्रवात बनता है, तो यह इस मौसम का दूसरा तूफान होगा. IMD के अनुसार, सदस्य देश सऊदी अरब ने इसे ‘फेनगल’ नाम देने का सुझाव दिया है, जो ‘फीनजल’ के रूप में उच्चारित होगा. सावधान रहें! IMD की भविष्यवाणियों के अनुसार, इस तूफान से जुड़ी घटनाओं पर लगातार नजर रखनी होगी और समय रहते सुरक्षा उपायों को अपनाना होगा.