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बिहार/डेस्क: प्रसिद्ध कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या मामले में रोजाना चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. अब जो जानकारी सामने आई है, वो न सिर्फ चौंकाने वाली है बल्कि यह भी दिखाती है कि अपराधी कितनी ठंडे दिमाग से हत्याओं की योजना बनाते हैं.
गंगा घाट पर की शूटिंग की ट्रेनिंग
हत्या से पहले शूटर उमेश यादव ने खुद को प्रशिक्षित किया था. उसने मालसलामी इलाके के गंगा घाट के पास पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग ली. उमेश ने पहले पिस्तौल में गोली लोड करना सीखा और फिर वहीं पर फायरिंग की प्रैक्टिस की. दो से तीन बार के अभ्यास में वह पिस्तौल चलाने में माहिर हो गया. इस दौरान आरोपी अशोक साव भी उसके साथ मौजूद रहता था.
घर में छिपा कर रखता था हथियार
पुलिस के अनुसार, उमेश अपने घर में ही हथियार छिपा कर रखता था. जब भी वह प्रैक्टिस करता, अशोक साव उसके साथ होता था. यह पूरी योजना बहुत सोच-समझकर बनाई गई थी.
हत्या के बाद स्कूल फीस जमा की
हत्या के बाद जब अशोक साव ने उमेश को साढ़े तीन लाख रुपये की अंतिम किश्त दी, तो वह सीधे अपनी बेटी के स्कूल पहुंचा. वहां उसने करीब 45 हजार रुपये बकाया फीस के रूप में जमा कर दिए. बाकी के पैसे पुलिस ने उसके पास से बरामद कर लिए हैं.
पहले करता था जेनरेटर चलाने का काम
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि उमेश पहले शादी-समारोहों में जेनरेटर चलाने का काम करता था. लेकिन कुछ समय बाद वह बेरोजगार हो गया. नालंदा में एक शादी समारोह के दौरान उसकी मुलाकात अशोक साव से हुई, जिसने उसे काम का लालच दिया और अपराध की दुनिया में घसीट लिया.
बिना किसी मदद के की हत्या की साजिश
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि उमेश ने गोपाल खेमका की रेकी खुद की थी. उसने किसी लाइनर की मदद नहीं ली. घटना वाले दिन उमेश ने बांकीपुर क्लब से खेमका का पीछा करना शुरू किया. बाकरगंज के पास जब खेमका ने अपने एक साथी को छोड़ा, तभी उमेश ने मौका देख वारदात को अंजाम दिया.
पुलिस जांच में बड़ा खुलासा
पटना पुलिस ने इस पूरे मामले की तह तक जाकर कई राज़ खोले हैं. फिलहाल उमेश और अशोक पुलिस की गिरफ्त में हैं. उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस साजिश में और कौन-कौन शामिल था.