आशिष शास्त्री/ न्यूज़11 भारत
सिमडेगा/डेस्क: सिमडेगा वन विभाग को अवैध लकड़ी तस्करी के विरुद्ध गुरुवार को फिर एक कामयाबी हाथ लगी। वन विभाग ने तस्करी के लिए रखी शाल लकड़ी के 27 पिस बोटा जब्त किया.
सिमडेगा में लकड़ी तस्कर किस कदर हावी हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 24 घंटे के भीतर वन विभाग ने अवैध लकड़ी तस्करी के विरुद्ध दूसरी कामयाबी पाई। वन विभाग ने गुरुवार अहले सुबह गुप्त सूचना के आधार पर ठेठईटांगर वन क्षेत्र से तस्करी के लिए रखे गए साल लकड़ी के 27 पिस बोटा जब्त किया. बता दें कि कल भी वन विभाग ने पंडरीपानी पाहनटोली से एक स्कूल में रखे हुए भारी मात्रा में अवैध जलावन की लकड़ी जब्त की थी। लगातर दो दिन इस तरह से तस्करी के लिए रखे गए लकड़ी का मिलना निश्चित रूप से यह बताने के लिए काफी है कि सिमडेगा के जंगलों में तस्करों की कुदृष्टि काफी हावी है.
बता दें कि तस्कर जंगलों से बड़े बड़े शाल वृक्षों को मशीन कटर के सहारे चंद पलों में धराशायी कर देते हैं इसके बाद इसके बोटे तैयार कर इसे छिपा कर रख देते हैं. मौका देख कटे हुए शाल के इन बोटों को छतीसगढ पंहुचा देते हैं. हर खेप में ये तस्कर 30-40 शाल बोटा की खेप तैयार कर तस्करी करते हुए छतीसगढ पंहुचा रहे हैं. सिमडेगा वन विभाग की माने तो जंगल का आस पास के गांवों में रहने वाले ग्रामीण भी चंद पैसों की चाह में इन तस्करों का साथ दे रहे हैं.
वन विभाग की माने तो पिछले कुछ माह में चार से पांच बार कार्रवाई करते हुए तस्करी की दो सौ बोटे से अधिक लकड़ियां और भारी मात्रा में जलावन की लकड़ी जब्त की गई है. आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि जंगलों में किस तरह लकड़ी तस्कर हावि हो गया है. यही हाल रहा तो सिमडेगा की स्थिति रेगिस्तानी हो जाएगी. उसके बाद प्रचंड गर्मी में धूप से बचने के लिए न तो पेडों की छांव मिलेगी ना हीं सांस लेने के लिए शुद्ध ऑक्सीजन. जंगल बचाने के लिए सिर्फ वन विभाग और जिला प्रशासन हीं जिम्मेदार नहीं हमें भी अपनी चेतना तोड़ते हुए जंगल बचाने के लिए आगे बढ कर वन विभाग और प्रशासन की मदद करनी होगी.
जरा सोंचिए कोरोना संक्रमण की एक, दो और तीन संक्रमण काल बीत गए जिसमें अन्य जगहों पर लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान रहे और हम सिमडेगावासी बिना ऑक्सीजन परेशानी के संक्रमण काल से बाहर निकल आए. इसके पीछे इन जंगलों का बहुत बड़ा योगदान है. तो अब जीने के लिए ऑक्सीजन प्यारी है या पैसे फैसला लेना होगा उनको जो तस्करों के पैसों के आगे अपने जीवनदाता जंगल को खत्म करने पर तुले हैं. याद रखें जंगल से हीं जीवन है. जंगल बचाएं.