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रांची/डेस्क: झारखंड में आदिवासी जमीनों की लूट का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. रांची के कांके प्रखंड के चामा, बुकरु और नगड़ी इलाकों में जमीन पर अवैध कब्जे और हेराफेरी की घटनाएं सामने आ रही हैं. शिकायतों के बाद रांची उपायुक्त ने इन क्षेत्रों की जमीनों के म्यूटेशन (दखल-कब्जा स्थानांतरण) पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है.
स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बाहरी दबंग तत्व आदिवासी जमीन का प्रकृति (नेचर) बदलकर उस पर कब्जा कर रहे हैं. ग्रामीणों की शिकायत पर ही डीसी रांची से कार्रवाई की मांग की गई थी. हालांकि, रोक के बावजूद इन इलाकों में बाउंड्री वॉल और निर्माण कार्य लगातार जारी हैं, जिससे ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ रही है.
इस गंभीर मामले की जांच अब सिर्फ राजस्व विभाग ही नहीं, बल्कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) और झारखंड पुलिस की सीआईडी की विशेष जांच टीम (SIT) भी कर रही है. जमीन हेराफेरी के इसी सिलसिले में पहले भी कमलेश कुमार सहित कई आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है. प्रशासन ने संकेत दिया है कि यदि अवैध कब्जों और म्यूटेशन की प्रक्रिया में दोषी पाए गए व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं, ग्रामीणों की निगाहें अब इस जांच के निष्कर्ष और न्याय की उम्मीद पर टिकी हुई हैं.