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रांची/डेस्क: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विकास ने दुनिया को बदलकर रख दी है. इसके नये-नये रूप देखने को मिल रहे है. हद तो अब हो गयी है कि अकेलापन से जूझ रहे युवकों के लिए AI गर्लफ्रेंड भी बना ली गयी है. इस AI गर्लफ्रेंड को नाम दिया गया है 'मेओ'. यह कारनामा किया है लंदन स्टार्टअप मेटा लूप ने. उनका कहना है कि अकेलेपन से जूझ रहे युवाओं को भावनात्मक समर्थन देने के लिए उन्होंने यह कारनामा किया है. लंदन टेक वीक में लूप ने इसका खुलासा किया है. AI गर्लफ्रैंड 'मेओ' ने अब सोशल मीडिया पर एक बहस छेड़ने का अवसर दे दिया है. कोई इसे सही बता रहा है तो कोई इसे समाज के लिए खतरनाक बता रहा है.
AI गर्लफ्रैंड 'मेओ' में ऐसा क्या है जिसकी हो रही चर्चा
AI गर्लफ्रैंड 'मेओ' को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह अपने यूजर की पसंद और नापसंद का पूरा ख्याल रखे. उसके साथ फ्लर्ट करेगी. उसका मनोरंजन करेगी. इसकी खासियत यह है कि यह पूरी तरह से वफादार रहेगी. ब्रेकअप जैसी समस्याओं से जूझ रहे समाज की यहा गुंजाइश बिल्कुल नहीं है. यानी यह अपने 'साथी' को कभी धोखा नहीं देगी. यही वजह है कि AI के इस Creation का ढेरों लोग समर्थन कर रहे हैं.
AI गर्लफ्रैंड 'मेओ' की और क्या हैं खासियतें?
- AI गर्लफ्रैंड 'मेओ' में आम मानवों जैसा ईर्ष्या भाव नहीं है.
- इसे आकर्षक रूप में से डिजाइन किया गया है.
- इसकी संरचना पर विशेष ख्याल रखा गया है.
AI गर्लफ्रैंड 'मेओ' के विरोध की वजह?
- आलोचकों का मानना है कि इससे समाज में मानसिक विकृति फैल सकती है.
- असली रिश्तों से दूर नकारात्मक रिश्तों की शुरुआत होगी.
- यह इनसानी रिश्तों की जगह ले या न ले, इसका यूजर फिर भी अपने अकेलेपन से ही जूझता दिखेगा.