बसंत कुमार साहू /न्यूज़ भारत
सरायकेला/डेस्क: दलमा इको सेंसेटिव जोन में रहने वाले 85गांव ,गैर वन भूमि 200.28 वर्ग किलोमीटर एवं वन क्षेत्र 198.30 वर्ग किलोमीटर में विकास होगा नोटिस से घबराने का जरुरत नहीं है उक्त बातें दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के वन क्षेत्र पदाधिकारी दिनेश चंद्रा ने माकुलाकोचा गेस्ट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दिया. इस अवसर पर रुदिया मुखिया सुबोधनी माहली मुखिया पति ज्योती लाल माहली , चिलगु मुखिया पति शत्रुघन सिंह, बाड़ेदा मुखिया बरुण सिंह, लुपुंगडीह पंचायत मुखिया प्रतिनिधि भोला सिंह,आदारडीह मुखिया सुभाष सिंह एवं दलमा वन्य क्षेत्र के ग्रामीण राजा राम मांझी एवं ग्रामीण उपस्थित थे.
वन क्षेत्र पदाधिकारी दिनेश चंद्रा ने बताया कि नेता द्वारा ग्रामीण को बहका रहे हैं , दलमा वन्य क्षेत्र में रहने वाले सभी लोगों को नोटिस से डरना नहीं है, दलमा इको सेंसेटिव जोन में रहने वाले गांव में विकसित होगा. वनविभाग एवं ग्रामीण तथा एक्स एल ई ए डी के टीम गांव गांव जाकर ग्रामीणों से बैठ कर गांव के विकास के लिए योजना तैयार करेगा और गांव में सड़क, पार्क, देव स्थल, खेती, पौधे रोपन आदि कार्य किया जाऐगा. उन्होंने कहा कि वन विभाग वन क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को हमेशा विकास करते आए हैं.
हिरण पार्क में मोड हाउस चार बना है जो वन विभाग अपने खर्च पर किया है और जिनके जमीन में बने हैं उन्होंने मुफ्त में दिया गया है आज चारों मोड हाउस से आदिवासी जमीन मालिक रोजगार कर रहा है. उन्होंने कहा कि हर गांव के लोग आकर देख सकते हैं.
दलमा इको सेंसेटिव जोन के ग्रामीणों को नोटिस मिलने से गांव खलबली मची है हुई है और वन बिभाग के प्रति बिरोध भी कर रहे है. बताया की दलमा इको जोन के अंतर्गत आने वाले 85 गाँव के मकानों को झारखंड सरकार के वन, पार्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के द्वारा नोटिस भेजा गया है.जो एक बुलाबा है और इससे ग्रामीणों को भयभीत होने की जरुरत नहीं क्यूंकि नोटिस सिर्फ एक सर्बे के लिए दिया गया है जो गाँव में विकास के लिए ही है.जहाँ तक ग्रामीण के घर उजाड़ ने विस्थापित की बात चल रहा है वो सिर्फ और सिर्फ अफवाह है. इस तरह की अफवाह वन बिभाग के खिलाफ 2012 में भी फेयलाई गई थी जो गलत है. ग्रामीणों को इससे दूर रहना चाहिए और इस सम्बंधित कुछ भी समस्या हो तो वन बिभाग से मिलकर जानकारी लेनी चाहिए ताकि लोग भर्मित न हो. रेंजर ने बतया की इको जोन के अंदर गाँव की विकास के लिए XLEAD जमशेदपुर को फंड मिल चूका है. अब गांव सर्बे टीम जाएगी और गाँव के प्रोजेक्ट बनकर गांवों में विकास कार्य चालू हो जायेगा.
रुदिया पंचायत के मुखिया पति ज्योती लाल माहली ने बताया कि पंचायत के मुखिया, ग्राम प्रधान, वन समिति आदि को बढ़ चढ़ कर गांव के ग्रामीण को समझना होगा ओर विकास में जोड़ना होगा. ताकि वन, जंगल बचे तभी हमारे वंशज आगे बढ़ेगा. वन जंगल है तो हम हैं.