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रांची/डेस्क: इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव काफी रोचक था. इसके परिणाम आए हुए चार दिन हो गए है. भारतीय जनता पार्टी 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापस आई है. लेकिन परिणाम आने के चार दिनों के बाद भी अब तक भाजपा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर नहीं लगाई है. भीतर खाने में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर खूब मंथन किया जा रहा है. कई अलग-अलग चेहरे के दावे किए जा रहे है. लेकिन आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी का दावों के उलट फैसले लेने का पुराना तरीका है. भाजपा का यह तरीका राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के चुनाव के दौरान देखा जा चुका है. ऐसे में दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सस्पेंस अभी भी बना हुआ है. लेकिन शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां तेज हो गई है. ऐसे में अंदरखाने से खबर आ रही है कि दिल्ली में मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह 19 या 20 फरवरी को हो सकता है. ऐसे में विधायक दल की बैठक की संभावना 17 या 18 फरवरी को हो सकती है.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री आज रात अमेरिका और फ्रांस के दौरे से वापस भारत लौट रहे है. उनके आगमन के बाद दिल्ली में सरकार बनाने की कवायद तेज हो जाएगी. उनके भारत आगमन के बाद उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और कई भाजपा के शीर्ष नेताओं की बैठक होगी,. इस बैठक में दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन बनेगा इस बात को लेकर भी फैसला होगा. आपको बता दें कि 48 में से 15 विधायकों के नाम चान्त दिए गए थे. इसके बाद इनमे से 9 नाम चान्त कर मुख्यमंत्री, स्पीकर और मंत्रियों के नाम तय किए जाएंगे.
आपको बता दें कि इस बार के चुनाव में भाजपा ने 10 साल के बाद आम आदमी पार्टी को दो तिहाई वोट लाकर चुनाव हराया और सत्ता में 27 साल बाद वापस आई. जीन के बाद से ही इस बात पर खूब चर्चा हो रही है कि अब दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन बनेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा ने मुख्यमंत्री के चहरे की घोषणा के बिना ही चुनाव लड़ा था. ऐसे में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लगाई जाएगी.
गौरतलब हो कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 48 सीट पर जीत हासिल की थी. वहीं आम आदमी पार्टी ने 22 सीटें पर जीत हासिल की थी. लेकिन कांग्रेस पार्टी की बात करें को पार्टी लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में खाता नहीं खोल पाई.