/न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: ईरान और इजराइल में इस समय जो संघर्ष चल रहा है. वह भारत के लिए भी चिंता का विषय है. चिंता का विषय इसलिए है, क्योंकि ईरान पढ़ाई करने गये कई छात्र वहां पर फंसे हुए हैं. मगर राहत की बात यह है कि ईरान नें छात्रों को देश छोड़ने की इजाजत दे दी है. अब भारतीय छात्रों को वहां से निकालने के उपायों का प्रयास चल रहा है. बता दें कि ईरान में करीब 1500 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. दूसरे छात्रों की संख्या ले ली जाये तो यह करीब 10000 के करीब हो जायेगी.
इन छात्रों के लिए भारत काफी चिंतित है. सिर्फ केन्द्र सरकार ही नहीं, बल्कि भारत की विपक्षी पार्टियां भी सरकार पर दवाब बना रही हैं कि उन छात्रों को सुरक्षित निकाला जाये. अभी रविवार को ही AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी केन्द्र सरकार से मांग की थी कि भारतीय छात्रों को ईरान से सुरक्षित बाहर निकाला जाये. ईरान में मौजूद भारतीय छात्रों को बाहर निकालने के लिए अभी जो प्रयास हो रहे है, उनमें ईरान में मौजूद आर्मेनिया के राजदूत से बात चल रही है.
भारतीय छात्रों समेत अन्य छात्रों को बाहर निकालने के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि एयरपोर्ट बंद हैं. ईरान और इजराइल युद्ध के बाद इस क्षेत्र के आसपास के हवाई मार्गों को भी सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है. छात्रों के लिए अच्छी खबर है कि लैंड बॉर्डर्स खुले हुए हैं. इन्हीं रास्तों से ही सभी छात्रों को बाहर निकालने की योजना पर काम हो रहा है.
यूक्रेन से भी भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाला था भारत ने
याद होगा तीन साल पहले जब यूक्रेन और रूस छिड़ा था तब यूक्रेन में भी ढेरों भारतीय छात्र फंस गये थे. तब भारत ने रूस और यूक्रेन से बात कर छात्रों को बाहर निकालने का सुरक्षित उपाय ढूंढा था. याद होगा, भारतीय छात्रों के साथ कई पाकिस्तानी छात्र भी भारतीय तिरंगा लेकर यूक्रेन से बाहर निकल गये थे.