अवधेश/न्यूज़11 भारत
केरेडारी/डेस्क: बड़कागांव प्रखंड के बहुचर्चित महाद्वीप पहाड़ स्थित बुढ़वा महादेव मंदिर प्रांगण में श्रावणी पूजा मेला समिति एवं बुढ़वा महादेव विकास सह शांति समिति के द्वारा खूंटा बाबा को लाया गया है. यहां गोवर्धन बाबा उर्फ खूंटा बाबा 51 फीट ऊपर खूंटा पर चढ़कर भगवान भोलेनाथ की आराधना में लगे हैं.
15 साल के उम्र में लिया संन्यास
बोकारो जिला के ग्राम पोस्ट टेलो के रहने वाले अनु महतो के पुत्र श्री श्री 108 गोवर्धन बाबा उर्फ खूंटा बाबा की उम्र लगभग 50 साल है. इनके पिता अनु महतो ने बताते है कि 15 साल की छोटी से उम्र में उन्होंने संन्यास ले लिया था और बाल ब्रह्मचारी का जीवन यापन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमारे पांच पुत्र थे जिनमें दो पुत्र का देहांत हो गया और दो पुत्रों की शादी विवाह की. जिसके बाद हमारा सपना था कि गोवर्धन बाबा उर्फ खूंटा बाबा का शादी करें, परंतु वह 15 साल के उम्र में हम लोग को छोड़कर कहीं चला गया. बहुत खोजबीन करने के बाद वह नहीं मिला. इसके बाद आसपास के गांव में ही एक खूंटा बाबा के आने की सूचना प्राप्त हुई. जहां पर हमने देखा कि यह खूंटा बाबा कोई और नहीं हमारा ही गोवर्धन है जो खूंटा बाबा के नाम पर आज मशहूर हो गया है. इनकी माता ने इन्हें दूध पिलाकर आशीर्वाद दिया और चली गई. तब से यह एक बाल ब्रह्मचारी और सन्यासी का जीवन यापन कर रहे है.
झोपड़ी में रहते हैं सांप व बिच्छू
बाबा को जानने वालों ने बताया कि इनको रात में भगवान भोलेनाथ ने सपने में दर्शन दिया था. तब से वह ब्रह्मचारी और संन्यासी जीवन में लीन हो गए. उन्होंने अपने घर-परिवार को त्याग दिया और अपने घर से ही कुछ दूर एक मंदिर के सामने झोपड़ी में रहने लगे. बताया जाता है कि वह झोपड़ी इतना खतरनाक है कि कोई भी आम आदमी वहां पर नहीं रह सकता. जिन्होंने इनके झोपड़ी को देखा है उन लोगों का कहना है कि उनके झोपड़ी में साक्षात दो नाग नागिन और एक दो मुंहा सांप, कई बिच्छू सहित अन्य जानवर उनके साथ सोते हैं.
31 घंटे तक दूबी घास, बेलपत्र और गांजा पीकर रहेंगे
बताते चले कि अभी यह खूंटा बाबा बड़कागांव प्रखंड के महुदी पहाड़ स्थित बुढ़वा महादेव मंदिर में रविवार के सुबह 6 बजे से खूंटा पर चढ़े हुए हैं. वह लगातार 31 घंटा तक खूंटा पर ही रहेंगे. इनका खाना-पीना जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे कि वह जब तक खूंटे पर चढ़े रहेंगे तब तक दूबी घास, बेलपत्र और गांजा पीकर ही रहेंगे. वह 31 घंटे तक ऐसे ही बिता देंगे. अब आप भी सुनकर बड़ा हैरान हो रहे होंगे कि कैसे कोई डूबी घास बेलपत्र और गांजा पीकर 31 घंटे तक रह सकता है तो बता दें कि खूंटा बाबा का 7 दिन 7 रात यही खाना खा कर खूंटा पर ही अपना डेरा डालने का रिकॉर्ड है. उन्होंने सबसे पहले बोकारो के महादेव गढा में 41 फीट के खूंटा पर चढ़कर आराधना की थी. जिसके बाद उन्होंने 70 फीट 80 फीट 85 फीट के खूंटा पर भी चढ़कर भगवान भोलेनाथ की आराधना की है. इनका आश्रम गोमो रतनपुर में है.
ये रहें मौजूद
मौके पर मुख्य रूप से बुढ़वा महादेव श्रावणी मेला पूजा समिति कर्णपुरा क्षेत्र के अध्यक्ष झमन प्रसाद, सचिव सहेश कुमार, कोषाध्यक्ष अरविंद कुमार, संयोजक जयशंकर मेहता, संरक्षक बालेश्वर मेहता, उप संरक्षक बिगल किशोर महतो, उप संयोजक केदार प्रसाद दांगी, महा संरक्षक शशि मेहता, बुढ़वा महादेव विकास सह शांति समिति के अध्यक्ष दामोदर प्रसाद मेहता, उपाध्यक्ष नरसिंह प्रसाद, उप सचिव अवध किशोर कुमार, प्रभुदायल महतो, मीडिया प्रभारी पिंटू कुशवाहा दिनकर, उप मीडिया प्रभारी राज किशोर सोनी, बिंदु दांगी, इंद्रनाथ महतो बंधु महतो, सुरेश महतो, सतनारायण महतो, मनोहर महतो, सुकुल महतो, कंचन कुमार, राम सुंदर महतो, बोधन महतो, जयवीर कुमार, देवनाथ कुमार, पिंटू कुमार, नारायण महतो, भीम महतो, डॉक्टर धनेश्वर, अनिल कुमार, सोहन, महतो, किशोर कुमार, विनय कुमार, सोलंकी कुमार, हुलास प्रसाद दांगी, दीपू कुमार, सोमनाथ महतो, मिस्री महतो सहित अन्य लोग उपस्थित थे.