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रांची/डेस्क: आज, 3 मार्च को वित मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने 1 लाख 45 हजार 400 करोड़ का बजट पेश किया. बता दें कि राधा कृष्ण किशोर की यह पहली बजट हैं जिसे अबुआ बजट का नाम दिया गया हैं. वित्त मंत्री बजट पर भाषण शुरू करते हुए कहा कि 'आज खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. इस अवसर के लिए सदन का आभारी हूं. अपने मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे सोनिया गांधी राहुल गांधी का आभारी व्यक्त करता हूं'.
फिर उनका बजट अभिभाषण होगा. इसके बाद सभा की कार्यवाही अगले दिन तक के लिए स्थगित हो जाएगी.
पिछले पांच वर्षों के बजट के आंकड़ों के अनुसार, इस बार के बजट में 7 से 10 फीसदी वृद्धि की संभावना है. जिससे यह बजट लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. वर्ष 2024-25 में झारखंड का बजट 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ रुपये था. इसके अलावा, शुक्रवार (28 फरवरी) को सदन में 5508 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी पारित किया गया था. बता दें कि झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से शुरू हो चुका है. और 27 मार्च तक चलेगा.
सदन की कार्यवाही शुरू हो गई हैं. सत्र में प्रश्नकाल के दौरान जेडीयू विधायक सरयू राय ने झारखंड के 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपए बकाए का मामला उठाया हैं. और कहा कि सरकार बताए इसे प्राप्ति के लिए क्या कदम उठाया जा रहा है. प्रभारी मंत्री योगेन्द्र प्रसाद ने जवाब देते हुए सदन को बताया केंद्र के पास विभिन्न मद का 1 लाख 36 हजार करोड़ बकाया है.
वित मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने सदन को बताया कुछ दिन पहले मैने केन्द्र के कोयला मंत्री से मुलाकात किया था. ये पहला मौका था जब कोयला मंत्री ने स्वीकार किया था कि बकाया है और कहा- हम देंगे. इस संदर्भ में वास्तविक आंकलन केंद्र और राज्य मिलकर करेगा. केंद्र ने कहा है जो राशि निकलेगी वो केंद्र देगा. सरयू राय ने कहा कुछ छुपा रही है राज्य सरकारसरयू राय ने तत्कालीन मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के पत्र का जिक्र किया. क्या सरकार सूद लेना चाहती हैं. प्रभारी मंत्री योगेन्द्र प्रसाद ने बताया एक मार्च को ही कमिटी का गठन हुआ है, कई बार मुख्यमंत्री ने केंद्र को पत्र लिखा है. सरयू राय ने कहा बकाए वसूली की जगह जनता को बरगलाने के लिए राजनैतिक कदम सरकार उठा रही है. वित मंत्री ने बताया ट्रिब्यूनल में जाने से फायदा नहीं होगा. हम सूद का पैसा डंके की चोट पर लेंगे.
बीजेपी विधायक पूर्णिमा साहू ने वित्तीय वर्ष 2022 23 में 403 करोड़ से अधिक की राशि के डीसी बिल लंबित है जो वित्तीय अनियमितता को दिखाती है ऐसे में सरकार जिम्मेदार पदाधिकारी के विरुद्ध कारवाई का मामला उठाया. वित मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने जवाब देते हुए कहा प्रश्नकर्ता ने एक आशंका जताई है. कहा कि वैसी योजनाओं की राशि जिसका डीसी बिल नहीं मिला उसमें राशि के निकालने पर रोक लगाई जाती है ऐसे में ये अनियमितता नहीं है. अब तक 8 बैठक हुई है. इन बैठकों में निर्देश दिया गया है.
वित्त मंत्री ने राज्यपाल को सौंपी बजट की कॉपी
वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर सोमवार, 3 मार्च यानी आज झारखंड विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगे. वित्त मंत्री सदन में जाने से पहले राजभवन पहुंचे और राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को बजट की बजट की पहली कॉपी सौंप दी हैं. इसके बाद राज्यपाल ने बजट पेश करने की स्वीकृति दे दी हैं.
वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद झारखंड विधानसभा के लिए रवाना हो गए हैं.
किन क्षेत्रों को मिल सकता है ज्यादा बजट?
इस साल सरकार का फोकस महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीब कल्याण योजनाओं पर रहेगा. मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली पेंशन के कारण महिला एवं बाल विकास विभाग को ज्यादा धनराशि आवंटित की जा सकती है. मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य की महिलाओं को 1000 रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है. वहीं, इस योजना के कारण आगामी बजट में महिला एवं बाल विकास विभाग को अधिक धनराशि आवंटित किए जाने की संभावना है. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, पशुपालन, पेयजल, सिंचाई और सड़क निर्माण जैसी योजनाओं पर बजट का बड़ा हिस्सा खर्च होने की उम्मीद हैं.
झारखंड के GSDP, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भारी वृद्धि
पिछले कुछ वर्षों में झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र और सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में भारी वृद्धि की है. वर्ष 2001-02 में स्वास्थ्य बजट केवल 169.09 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 7,223 करोड़ रुपये हो गया. शिक्षा बजट वर्ष 2001-02 में 915.36 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 14,725 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. वहीं, राज्य की अर्थव्यवस्था भी पिछले दो दशकों में तेजी से बढ़ी है. वर्ष 2001-02 में झारखंड का सकल घरेलू उत्पाद यानी GSDP करीब 32,000 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 4.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. आगामी वित्त वर्ष में झारखंड के GSDP में 9.5 से 10 फीसदी बढ़ने का अनुमान हैं.
16 गुना बढ़ा बजट का आकार
झारखंड के गठन के बाद से बजट आकार में लगातार बढ़ेत्तरी देखा गया हैं. झारखंड बनने के बाद से राज्य के बजट आकार में अब तक 16 गुना से अधिक बढ़ चुकी हैं. साल 2001-02 में राज्य का पहला बजट 7,743.38 करोड़ रुपये का था, जो अब बढ़कर 1.28 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. साल 2001-02 में 7,743.38 करोड़ रु. -मृगेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा बजट पेश किया गया था. नीचे दिए गए तालिका में देखें किस साल कितना-कितना पेश बजट किया गया है ?
यहां देखें, किस साल कितना पेश किया गया बजट?
साल 2001-02 में 7,743.38 करोड़ रु.
साल 2002-03: 9,595.85 करोड़ रु.
साल 2003-04: 9,115.03 करोड़ रु.
साल 2004-05: 10,970.55 करोड़ रु.
साल 2005-06: 13,131.17 करोड़ रु.
साल 2006-07: 15,413.68 करोड़ रु.
साल 2007-08: 17,842.15 करोड़ रु.
साल 2008-09: 19,869.83 करोड़ रु.
साल 2010-11: 24,957.97 करोड़ रु.
साल 2011-12: 24,368.05 करोड़ रु.
साल 2012-13: 28,216.76 करोड़ रु.
साल 2013-14: 28,382.4 करोड़ रु.
साल 2014-15: 38,161.56 करोड़ रु.
साल 2015-16: 52,191.34 करोड़ रु.
साल 2016-17: 57,198.78 करोड़ रु.
साल 2017-18: 64,754.78 करोड़ रु.
साल 2018-19: 62,451.61 करोड़ रु.
साल 2019-20: 66,500.28 करोड़ रु.
साल 2020-21: 71,109.019 करोड़ रु.
साल 2022-23: 84,908 करोड़ रु.
साल 2023-24: 1,09,767.04 करोड़ रु.
साल 2024-25: 1,28,900 करोड़ रु.