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रांची/डेस्क: भारत में तुलसी का पौधा न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता हैं. इसे घर-घर में पूजनीय माना जाता है और इसके महत्व को लेकर कई मान्यताएं भी प्रचलित है लेकिन क्या आप जानते है कि तुलसी का पौधा बेचना धार्मिक रूप से सही है या गलत? आइए, जानते है इसके बारे में कुछ रोचक जानकारी और इसके लाभकारी पहलू.
तुलसी का पौधा है पूजनीय
भारत में तुलसी का पौधा घरों के आंगन में हर जगह पाया जाता है और इसे विशेष रूप से पूजा में इस्तेमाल किया जाता हैं. हिन्दू धर्म में तुलसी को मां लक्ष्मी और विष्णु की प्रिय माना जाता हैं. कहा जाता है कि तुलसी का पौधा न केवल घर के वातावरण को शुद्ध करता है बल्कि यह परिवार के सदस्यों को भी शांति और समृद्धि प्रदान करता हैं. कुछ लोग मानते है कि तुलसी का पौधा बेचना धार्मिक रूप से गलत हैं. इसके पीछे तर्क है कि यह पौधा पूजनीय है और इसे बेचकर उसका अपमान किया जाता हैं. यह भी कहा जाता है कि इसे बेचने से घर में अशांति और आर्थिक संकट आ सकता हैं. इसलिए कुछ परिवारों में इसे एक धार्मिक वस्तु के रूप में ही संरक्षित रखा जाता हैं.
तुलसी का कारोबार भी हो सकता है लाभकारी
हालांकि व्यावसायिक दृष्टिकोण से तुलसी के पौधों की खेती और बिक्री एक बहुत ही लाभकारी कारोबार हो सकता हैं. तुलसी का पौधा आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं. यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, तनाव कम करने और सांस संबंधी समस्याओं में मदद करने के लिए जाना जाता हैं. इसके साथ ही तुलसी का उपयोग चाय, तेल और औषधियों में भी किया जाता हैं.
उपहार के रूप में दें तुलसी का पौधा
यदि आप इसे धार्मिक रूप से रखना चाहते है तो इसे बेचने के बजाय उपहार के रूप में देना बेहतर हो सकता हैं. आप तुलसी का पौधा किसी धार्मिक स्थल पर दान कर सकते है या इसे अपने मित्रों और परिवार को उपहार के रूप में दे सकते हैं. इस तरह से न केवल इसकी सांस्कृतिक और धार्मिक मान्यता बनी रहती है बल्कि यह एक सकारात्मक संदेश भी फैलाता हैं.