सिल्ली/डेस्क: बुधवार को सिल्ली स्थित हिंडाल्को एलुमिनियम फैक्ट्री में प्रबंधन की उपस्थिति में आयोजित वार्षिक अधिवेशन का श्रमिकों ने जोरदार विरोध किया गया. कामगारों का आरोप है कि अधिवेशन एक अवैध एवं निष्क्रिय यूनियन के बैनर तले कराया जा रहा है, जो वर्ष 2017 में ही रजिस्ट्रेशन संख्या 263 के तहत निरस्त हो चुकी हैं. तीन सालों से श्रमिकों के अधिकारों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिससे आक्रोशित होकर कर्मचारियों ने अधिवेशन के विरोध में प्रदर्शन किया। कामगारों का कहना है कि वर्तमान में प्रबंधन, इस अवैध यूनियन के सहयोग से कामगारों पर दबाव बना रहा है और यूनियन के नाम पर उन्हें शोषण का शिकार होना पड़ रहा है.
प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों ने यह भी बताया कि फैक्ट्री गेट पर निजी सुरक्षा गार्डों की मदद से उन्हें अधिवेशन स्थल से दूर कर दिया गया और गेट पास तक रोक दिए गए, ताकि वे अपनी बात भी अधिवेशन में नहीं रख सकें. इससे स्पष्ट होता है कि यूनियन पूरी तरह प्रबंधन के नियंत्रण में है और श्रमिकों के हितों की रक्षा नहीं कर रही है.
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कामगारों ने मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, सिल्ली विधायक अमित कुमार, और झारखंड उच्च न्यायालय से मांग की है कि उन्हें न्याय दिलाया जाए। श्रमिकों की मांग है कि फैक्ट्री में एक नए, स्वतंत्र और निष्पक्ष यूनियन के गठन के लिए चुनाव कराए जाएं ताकि उनकी आवाज को उचित मंच और प्रतिनिधित्व मिल सके.
हिंडाल्को प्रबंधन और श्रमिकों के बीच यह टकराव अब एक गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। यदि समय रहते निष्पक्ष समाधान नहीं निकाला गया तो भविष्य में यह संघर्ष और उग्र रूप ले सकता है.
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख श्रमिक नेता
राघवन, रघुनंदन शिवराज महतो, मुकेश कुमार साहू, दीपक महतो, सदानंद महतो, सोनार शैलेन्द्र महतो, नजर हुसैन, मालमलातु, नीतिश महतो, संजय महतो, मिहिराय महतो, अशोक महतो, नियानंद महतो, अजय महतो, तारकेश्वर महतो, राजनिश्री महतो, मोहित महतो, बंशीधर महतो, सूरज महतो, मोहन महतो, मनोज महतो आदि