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रांची/डेस्क: होम गार्ड जवानों को समान काम के लिए समान वेतन देने के प्रकरण में झारखंड हाई कोर्ट में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने एक महीने के अंदर कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने का आश्वासन दिया है. इस दौरान होम गार्ड सैलरी डीजी अनिल पालटा कोर्ट में पेश हुए थे और उन्होंने कहा था कि आदेश का जल्द पालन किया जाएगा. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 6 हफ्ते का वक्त दिया और 4 अप्रैल को सुनवाई तय की.
इस विषय में अजय प्रसाद और अन्य अवमानना याचिका दाखिल की है. इस संबंध में पहले हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि एकल पीठ के आदेश के 6 महीने बाद भी आदेश का पालन नहीं हुआ. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने भी एकल पीठ के आदेश पर मुहर लगा दी है, तो अब और कितना समय लगेगा.
बता दें, कोर्ट ने 25 अगस्त 2017 के एकल पीठ के आदेश का पालन करने के लिए सरकार को 8 हफ्ते का वक्त दिया था. आदेश का पालन नहीं होने पर होम गार्ड (Home Guards) डीजी को शारीरिक रूप से उपस्थित होने आर्डर दिया था. उनसे पूछा गया था कि आदेश का पालन न करने पर उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए.
नियमित पुलिस की तरह फायदा देने की बात
आपको बता दें कि समान काम के लिए समान वेतन को लेकर होम गार्ड जवानों के मामले में एकल पीठ के आदेश का पालन नहीं किया गया है. आवेदकों का कहना था कि होम गार्ड का पद सिविल पद है, क्योंकि वे पुलिसकर्मियों की तरह ड्यूटी करते है. नियमित पुलिसकर्मियों की के प्रकार उन सभी सेवा संबंधी फायदा मिला चाहिए. आवेदक को 1984 से 1990 के दौरान होम गार्ड के तौर से नियुक्त किया गया था. 25 अगस्त 2017 को हाई कोर्ट की एकल पीठ ने राज्य सरकार को आवेदक और अन्य होम गार्डों को लाभ देने के सिलसिले में फैसला लेने का निर्देश दिया था.