प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: चट्टीबारियातु परियोजना के विस्तार को लेकर एनटीपीसी प्रबंधन के द्वारा अधिग्रहण क्षेत्र झुमरी टांड में बंद पड़े योगेंद्र साव के फ्रैकली ईंट के चिमनी व चारदीवारी को तोड़ दिया गया. इस दौरान एनटीपीसी के कर्मी समेत एसडीओ के द्वारा नियुक्त मजिस्ट्रेट सीओ रामरतन वर्णवाल व जूनियर मजिस्ट्रेट कनीय अभियंता अंकित पांडेय के उपस्थिति थे. फ्रैकली ईंट के चिमनी व चारदीवारी तोड़ने की सूचना पर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव अपने निजी व सरकारी अंगरक्षकों व समर्थकों के साथ स्थल में पहुंच कर हंगामा करने लगे. और अपने अंगरक्षकों के साथ केडी सीबी कोल परियोजना का ट्रांसपोर्टिंग कार्य को बंद करा दिया.
साथ ही एक हाईवा के चालक के साथ मारपीट करते हुवे घसीटते हुए उठा कर ले गए. जिसे तत्कालीन ओपी प्रभारी विक्की ठाकुर के द्वारा चालक को उनके चंगुल से छुड़ाया गया. इसके अलावा पूर्व मंत्री ने अपने सरकारी व निजी अंगरक्षकों व समर्थकों के साथ सीबी माइंस में घुस कर एक पोकलेन चालक के साथ मारपीट करते हुवे बंधक बना कर झुमरी टांड स्थित अपने घर में कैद कर दिया.
चालक को बंदी बनाने की सूचना पर छुड़ाने पहुंचे एमडीओ कम्पनी के असिस्टेंट मैनेजर अनुराग गुप्ता व कम्पनी में सुरक्षा व्यवस्था देख रहें रिटायर्ड डीएसपी अवधेश सिंह के साथ भी योगेंद्र साव व उनके सहयोगियों के द्वारा मारपीट किया गया. ड्राइवर समेत दोनों अधिकारियों को शाम 7 बजे से सुबह 3 बजे तक लगभग 9 घंटे पूर्व मंत्री के द्वारा बंधक बनाकर रखा गया. इस दौरान पगार ओपी पुलिस मूक दर्शक बन कर देखती रहीं. लोगो के पिटाई से पोकलेन चालक का हालत गंभीर हो गया, युवक के बिगड़ते हालात को देख सहयोग में पहुंचे केरेडारी पुलिस बंधक बने तीनों लोगों को मंत्री के चंगुल से छुड़ाया और साथ में लेकर थाना पहुंचे. इस मामले में एनटीपीसी प्रबंधन व एमडीओ कम्पनी के द्वारा पूर्व मंत्री व उनके समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज कराया हैं.
क्या हैं मामला
चट्टीबारियातु कोल परियोजना में गैरमजरूआ खास खाता 190 प्लॉट 13 रकबा एक एकड़ जमीन अधिग्रहीत हैं. जिसका जमाबंदी राजदीप साव के नाम से कायम है. जिस जमीन का योगेंद्र साव ने यह जमीन अपने नाम कराया. परंतु आज तक जमीन दाखिल खारिज नही हुआ हैं. उक्त जमीन में पूर्व मंत्री चिमनी, चारदीवारी कर कब्जा कर रखे थे. वर्तमान समय में एक नया भवन बनाया गया हैं. उक्त जमीन सीबी परियोजना में अधिग्रहण क्षेत्र होने के कारण परियोजना के विस्तार के लिए जमीन में बने संरचना को ध्वस्त किया गया. संरचना तोड़ने से पूर्व बने संरचना का बिल्डिंग डिवीजन से मापी करा कर मुआवजा राशि देने के लिए मंत्री को बुलाया गया परंतु नहीं पहुंचे. पूर्व मंत्री योगेंद्र साव जमीन और संरचना का मुआवजा एक साथ मांग पर अड़े रहे.
मुआवजा नहीं लेने पर एनटीपीसी प्रबंधन ने ट्रिब्यूनल में राशि को जमा करा कर, नियम संगत मजिस्ट्रेट के उपस्थिति में सालों पहले बने संरचना को तोड़ा गया.