गौतम सिंह/न्यूज़11 भारत
गिरिडीह/डेस्क: जिले के बिरनी प्रखंड के कारूटांड़ प्राथमिक विद्यालय में बैग वितरण के नाम पर जबरन वसूली का एक मामला सामने आया है. मंगलवार को बैग वितरण कार्यक्रम के दौरान खुलासा हुआ है. इससे शिक्षा व्यवस्था की पर सवाल खड़े हो गये हैं. अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल सचिव रफीक अंसारी ने बच्चों से बैग लेने के लिए 5 से 10 रुपये की जबरन वसूली की.
गरीब परिवारों के बच्चों को सरकार द्वारा मुफ्त में बैग दिए जाने की योजना है, लेकिन इस योजना का लाभ मिलने से पहले ही उनसे पैसे वसूले जा रहे हैं. यह मामला तब और भी गंभीर हो गया जब खुद सचिव रफीक अंसारी ने खुलेआम कबूल किया कि प्रखंड स्तर पर 50 रुपये देना पड़ता है, ऊपर से भाड़ा भी देना होता है.
सचिव के इस बयान ने पूरे तंत्र की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है. सवाल है कि आखिर कहां तक फैला है यह भ्रष्टाचार? क्या यह केवल स्कूल स्तर तक सीमित है या फिर ऊपर तक वसूली की जड़ जमाये हुए है?
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अशोक कुमार ने क्या दी प्रतिक्रिया?
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अशोक कुमार की इस सम्बंध में प्रतिक्रिया आ गयी है. उन्होने कहा कि शिक्षा विभाग इस तरह की कोई वसूली नहीं करता. मुझे यह जानकारी आपसे मिली है, मैं तत्काल जांच कर कड़ी कार्रवाई करूंगा.
ग्रामीणों में आक्रोश, निष्पक्ष जांच की मांग
घटना के बाद ग्रामीणों में जबरदस्त नाराज़गी देखी जा रही है. लोगों का कहना है कि बच्चों के नाम पर पैसा खा जाने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए. यह सिर्फ एक स्कूल का मामला नहीं है, जांच पूरे प्रखंड स्तर पर होना चाहिए.
सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं अगर बीच में ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएं तो उनका लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच पाता. कारूटांड़ स्कूल का मामला महज एक संकेत हो सकता है, जरूरत है शिक्षा तंत्र की गहराई से जांच की.