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रांची/डेस्क: आरटीइ एक्ट के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें अधिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए आरक्षित हैं. दूसरी ओर रांची जिले के कई प्रतिष्ठित निजी स्कूलों ने इस नियम की अनदेखी की हैं. जिला प्रशासन दो बार पत्राचार कर चूका है, लेकिन इसके बाद भी 43 निजी स्कूलों ने एक भी गरीब बच्चे का नामांकन नहीं लिया हैं. वहीं 72 स्कूलों ने तो सिर्फ नाममात्र के बच्चों को प्रवेश दिया हैं. इस मामले पर सख्त रूख अपनाते हुए डीसी मंजुनाथ भजंत्री ने सभी स्कूलों को सात जुलाई तक अंतिम मौका दिया हैं.
डीसी का स्पष्ठ निर्देश नामांकन नहीं लिया तो मान्यताएं रद्द
राजधानी के डीसी ने स्पष्ठ किया है कि अगर निर्धारित तिथि तक नामांकन नहीं लिया गया, तो संबंधित स्कूलों की मान्यताएं रद्द करने के लिए सीबीएससी को पत्र भेजा जाएगा. इसके साथ ही यू-डायस कोड वापस लेने और आरटीइ उल्लंघन करने के तहत जुरमाना वसूलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
कई प्रतिष्ठित स्कूलों ने नहीं लिया गरीब बच्चों का एडमिशन
विवेकानंद विद्या मंदिर, डीएवी गांधीनगर, डीएवी कपिलदेव, कैंब्रिज स्कूल, कैराली स्कूल, एलए गार्डेन स्कूल, डीपीएस, ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, लोयला कॉन्वेंट, गुरूनानक स्कूल, डीएवी धुर्वा, डीएवी गांधीनगर, मनन विद्या और संत थॉमस स्कूल सहित कई प्रतिष्ठीत संस्थानों ने गरीब बच्चों का स्कूल में एडमिशन नहीं लिया हैं.
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