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रांची/डेस्क: ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक हाई-प्रोफाइल मामले में रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी से जुड़े ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की. दिल्ली और मुंबई में कल, गुरूवार (24 जुलाई) की सुबह से 35 से भी ज्यादा परिसरों पर ईडी ने कार्रवाई करते हुए छापा मारा.
बता दें कि इसका खुलासा तब हुआ जब सीबीआई के द्वारा दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई, जिनमें बड़े पैमाने पर आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप लगाए गए हैं. जिसके बाद करीब 35 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की.
जांच के क्रम में यह मामला सामने आया कि यह एक पूरी योजना के साथ धोखाधड़ी की गई है, इसमें बैंकों, निवेशकों और आम जनों के पैसे को अनुचित रूप से उपयोग किया गया. मुख्य बात यह रही कि इसमें बैंकों के बड़े अधिकारियों को घूस देने का भी संदेह है. विशेष तौर पर यह बैंक के पूर्व प्रमोटर्स को पैसे देकर बिना किसी गारंटी के अच्छा- खासा लोन पास कराए गए. इसके अलावा ईडी को यह भी संदेह है कि लोन की रकम अनिल अंबानी ग्रुप की दूसरी कंपनियों और शेल कंपनियों में घुमा दी गई. वहीं, कुछ मामलों में एवरग्रीनिंग भी हुई. मतलब पुराने लोन को नए लोन से दिखाकर हेराफेरी की गई हैं.
जानें, जांच के दौरान क्या- क्या हुआ खुलासा
- कुछ मामलों में बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने के भी सबूत मिले हैं.
- फंड्स को शेल कंपनियों में ट्रांसफर किया गया.
- ‘लोन एवरग्रीनिंग’ के तहत पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन दिए गए.
- कई कंपनियों को लोन देने से पहले उनकी वित्तीय स्थिति की न तो ठीक से जांच की गई, न ही जरूरी दस्तावेज संलग्न थे.
- एक ही डायरेक्टर और एक जैसे पते का उपयोग कर कई कंपनियों से लोन लिया गया.