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रांची/डेस्क: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के एक गांव में हाल ही में ऐसी शादी हुई, जिसने सबको चौंका दिया हैं. कुन्हट गांव की एक युवती ने एक नहीं, बल्कि दो सगे भाइयों के साथ सात फेरे लिए हैं. यह शादी 12 से 14 जुलाई के बीच पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई और अब हर तरफ इसकी चर्चा हो रही हैं.
गौरतलब है कि यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि हकीकत हैं. दोनों दूल्हे थिंडो खानदान से है और पढ़े-लिखे हैं. एक भाई हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग में नौकरी करता है, जबकि दूसरा विदेश में काम करता हैं. खास बात यह है कि यह शादी पूरी तरह से सामाजिक और पारंपरिक मान्यता के दायरे में हुई हैं.
हाटी समाज की ‘उजला पक्ष’ परंपरा
यह विवाह हाटी समाज की पुरानी परंपरा 'उजला पक्ष' के तहत हुआ, जिसे स्थानीय भाषा में 'जोड़ीदार प्रथा' भी कहा जाता हैं. इस परंपरा के तहत एक महिला दो या अधिक भाइयों से विवाह कर सकती हैं. इसका उद्देश्य पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे को रोकना और संयुक्त परिवार की संरचना को मजबूत बनाए रखना हैं. हिमाचल में बहुपति प्रथा को सामाजिक और कानूनी मान्यता प्राप्त है, जिससे इसे समाज में बुरा नहीं माना जाता हैं. इस शादी को भी ग्रामीणों ने खुले दिल से स्वीकार किया और पूरे गांव ने मिलकर इस खास मौके को मनाया.
संस्कृति से जुड़ने का संदेश
जानकारों का मानना है कि यह शादी सिर्फ एक रस्म नहीं थी, बल्कि युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने और पहाड़ी संस्कृति को जीवित रखने का प्रयास भी हैं. ऐसे विवाह पहाड़ी समाज में पलायन की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने का जरिया बन सकते हैं. सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र में प्रचलित यह बहुपति प्रथा किन्नौर, लाहौल और स्पीति जैसे पहाड़ी जिलों में भी किसी न किसी रूप में आज भी जिंदा हैं. इस अनोखी शादी की तस्वीरें और कहानियां सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही हैं.