नीरज कुमार साहू/न्यूज़11 भारत
बसिया/डेस्क: गुमला जिला के बसिया प्रखंड की पहचान यहां की स्कूली शिक्षा की अच्छी व्यवस्था, यहां के लोगों के सहज स्वभाव और आपसी भाईचारे की पहचान से जाना जाता है पर अफसोस की बात है आज बसिया प्रखंड उड़ता पंजाब बनने की कगार पर पहुंच चुका है ड्रग्स, कोकीन, और गांजा के लत में डूब रहे हैं यहां के युवा. युवाओं को देश का भविष्य बोला जाता है पर आज वही युवा नशे के आगोश में समाते जा रहे हैं. नशे की लत के कारण आज युवा अपने परिवार समाज एवं देश का भविष्य बर्बाद कर ही रहे साथ ही समय से पहले अपना सेहत बर्बाद कर मौत की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं.
बेखौफ होकर नशे के सौदागर कर रहे नशे का कारोबार हो रहे हैं मालामाल
बसिया प्रखंड में नशे के सौदागर बेखौफ होकर नशे का कारोबार कर रहे हैं , ना इन्हें कानून का डर है और ना ही इन्हें पुलिस प्रशासन का खौफ है इन्हें तो पैसे कमाने से मतलब है चाहे इसके चलते कितनी ही घर बर्बाद हो जाए कितने ही नौजवानों की जिंदगियां बर्बाद हो जाए.
बसिया में खुलेआम अवैध तरीके से नशीली पदार्थ चाहे वह गंजा हो अवैध शराब हो या कोई और नशीली पदार्थ खुलेआम बिक रहे हैं,.
नशे के सौदागर पुलिस प्रशासन से एक कदम आगे
बसिया में नशे के सौदागर पुलिस प्रशासन से एक कदम आगे चलते हैं. क्योंकि स्थानीय नशे के सौदागर आज तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
खुलेआम होटल, किराने दुकान की आड़ में नशे के सौदागर नशीली पदार्थों को बेच रहे हैं, ऐसी बात नहीं है इसकी जानकारी किसी को नहीं है बसिया में आम हो या खास सभी लोग जानते हैं की कहां-कहां पर और किसके द्वारा नशीली पदार्थ की बिक्री किया जा रहा है, यहां तक की स्कूल और कॉलेज के अगल-बगल भी नशे के सौदागर गांजा और अवैध इंग्लिश और देसी दारु बेच रहे.
पर आज तक पुलिस की पकड़ में स्थानीय नशे के सौदागरों का नहीं आना कई सवाल पैदा करते हैं. आखिर कौन दे रहा है इन नशे के सौदागरों को संरक्षण.
गांजा और अवैध दारू के बाद बसिया में ड्रग्स और कोकीन का आना बसिया के लोगों के लिए खतरे की घंटी
बसिया में गांजा और दारू की अवैध बिक्री तो धडले से हो ही रही है, पर अब यहां के युवाओं के बीच ड्रग्स,ब्राउन शुगर और कोकीन के नशे का लत मे डूबना बसिया के लोगों के लिए एक बड़े ही खतरे की घंटी है, अगर समय रहते हुए इस नशे पर अंकुश नहीं लगाया गया और नशे के सौदागरों को नहीं पकड़ा गया, तो आने वाली पीढ़ी का नस्ल बर्बाद हो जाएगी, समय रहते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन, जागरूक समाज के लोगों को और वैसे लोग जिनके कंधों में यह जिम्मेवारी उन्हें आगे आना ही पड़ेगा है तब जाकर नशे के कारोबार को रोका जा सकता है, और आने वाली पीढ़ी को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है.
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