प्रशांत/न्यूज़11 भारत
चतरा/डेस्क: राज्य संपोषित बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय में बुर्का पहन कर आने पर छात्राओ ने शिक्षिकाओ पर मारपीट का आरोप लगायी है. जिसका अभिभावको ने विरोध किया है. मारपीट में घायल छात्राओं का ईलाज सदर अस्पताल में किया गया. इसकी सूचना पाकर अभिभावक समेत काफी संख्या लोग अस्पताल पहुंचे, जहां जमकर हंगामा किया. अभिभावको ने कहा कि किसी भी शिक्षिका को छात्राओ के साथ धार्मिक पहनावे पर सवाल उठाने या मारपीट करने का अधिकार नहीं है.
अभिभावको ने शिक्षिकाओ पर कार्रवाई करने व प्रताड़ित करने वाली छात्राओ को विद्यालय से निबंलित करने की मांग की. इसकी सूचना एसडीओ जहुर आलम, डीईओ दिनेश कुमार मिश्र, थाना प्रभारी विपिन कुमार अस्पताल पहुंच कर लोगो को शांत कराया. इसके बाद एसडीओ ने छात्राओ से एक-एक कर मामले की जानकारी ली. जिसमें छात्राओ ने बताया कि बुर्का पहन कर विद्यालय पहुंचने पर शिक्षिकाओ के साथ-साथ कई छात्राओ द्वारा परेशान किया जाता है. कई तरह की बात कह कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है. हमेशा भेदभाव किया जाता है. बुर्का उतार कर विद्यालय में बैठने की बात कही जाती है.
मंगलवार की सुबह स्कूल ड्रेस के साथ पारंपरिक परिधान बुर्का पहन कर विद्यालय पहुंची थी. शिक्षिकाओ ने ड्रेस कोड का हावला देते हुए बुर्का उतारने को कहा. जब कुछ छात्राओं ने इसका विरोध किया और धार्मिक स्वतंत्रता का हालवा दिया तो शिक्षिका ने न केवल उन्हें जबरन बुर्का हटाने के लिए मजबूर किया, बल्कि विरोध करने पर उनके साथ मारपीट भी की गयी. मारपीट से पहले छात्राओ को प्रार्थना सभा से भगा कर क्लास भेजा गया. थोड़ी देर बाद क्लास में नौ छात्राओ के साथ मारपीट की गयी. प्रताड़ित व मारपीट करने का आरोप प्रधानाध्यापिका नीतु प्रजापति के अलावा शिक्षिका किरण व शिक्षक राजेंद्र पर लगायी है. छात्राओ की बात सुनने के बाद पदाधिकारी विद्यालय पहुंचे, जहां एसडीओ ने विद्यालय के प्रधानाध्यापिका नीतु कुमारी प्रजापति को फटकार लगाते हुए पढ़ाई पर ध्यान देने को कहा. कमजोर छात्राओ पर विशेष ध्यान देने कहा. शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं. बच्चियों के साथ अच्छा व्यवहार करें. मौके पर राजद जिलाध्यक्ष नवलकिशोर यादव, अब्दुल्लाह अंसारी, अतीक मंसूरी, खैयाम कौशर समेत कई उपस्थित थे.
घटना के बाद अभिभावक हुए परेशान
विद्यालय में बुर्का को लेकर मारपीट के मामले की जानकारी सुन कर अभिभावक परेशान हो गये. इसकी जानकारी मिलते ही अभिभावक अपने-अपने बच्चियों को लेने विद्यालय पहुंच गये थे. सभी ने ढाई बजे ही बच्चियों को अपने साथ घर ले गये. इस घटना से बच्चो की पढ़ाई प्रभावित भी हुई. घटना से आक्रोशित अभिभावक व लोगो ने स्कूल के समीप भी आकर पदाधिकारियों से कार्रवाई की मांग की.
प्रधानाध्यापिका ने कहा
प्रभारी प्रधानाध्यापिका नीतु कुमारी प्रजापति ने कहा कि विद्यालय में ड्रेस कोड लागू है. घर से बुर्का पहन कर आये और गेट के अंदर पहुंच कर उसे खोलने की बात कही है. ताकि विद्यालय में एकरूपता बनी रहे. उन्होंने कहा कि छात्राओ के साथ मारपीट का आरोप गलत है.
एसडीओ ने कहा
एसडीओ जहुर आलम ने कहा कि छात्राओ का आरोप था कि विद्यालय में बुर्का लगाने पर प्रतिबंध लगा है, जिसकी जांच की गयी है. जांच आगे भी जारी रहेगी. प्रधानाध्यापिका को जल्द ही शिक्षक-अभिभावक व विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक करने की बात कही. उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालय में हिजाब पहन कर आने में कोई रोक नहीं है. संविधान ने आजादी दिया है. मामले का जल्द ही स्थाई समाधान किया जायेगा.