केसरीनाथ यादव/न्यूज़11 भारत
दुमका/डेस्क: मसलिया प्रखंड के शैक्षणिक क्षेत्र अंतर्गत गुवासोल संकुल अंतर्गत प्रार्थमिक विद्यालय हरिपुर में शनिवार को नामांकित 51 बच्चों में मात्र चार बच्चे पाए गए. विद्यालय के एक मात्र शिक्षक दिलीप सोरेन बच्चों को श्यामपट्ट में कुछ लिखाकर कुर्सी पर विराजमान मोबाइल चलाते दिखे. विद्यालय में साढ़े दस तक कोई भी मध्याह्न भोजन बनाने के लिए रसोईया या संयोजिका नहीं पहुंची थी. बच्चों से पूछने पर बताया कि न तो स्कूल में किट का वितरण किया गया है और न ही पोशाक में जूता मौजा ही दिया गया है.
विद्यालय प्रांगण में अवस्थित शौचालय बेकार पड़ा हुआ है. जो उपयोग के लायक नहीं है बच्चे झाड़ियों का सहारा लेकर शौच करने जाने को विवश हैं. वहीं टंकी का पानी मोटर चोरी होने के बाद साल भर से बंद है. एक चापाकल के भरोसे कभी कभार बमुश्किल से दो रसोईया भोजन बनाती है. विद्यालय की संयोजिका में सहिया का काम करने के कारण समय न के बराबर दे पाती है. वहीं जब से स्कूल का निर्माण हुआ है तब से आज तक एक ही व्यक्ति फुलेश्वर गृही बार बार विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष बनते आ रहे हैं. विद्यालय में बच्चों को विद्यालय तक लाने वाले तमाम कार्यक्रम धरे के धरे हैं. क्योंकि सचिव को इन सब चीजों से कोई लेना देना है ही नहीं.
ग्यारह बजे तक उन बच्चों की उपस्थिति पंजी में नाम दर्ज नहीं किया था. संभवतः अनुपस्थित बच्चों का हाजरी छुट्टी के बाद बनाने की योजना होगी. नियमतः बच्चों का उपस्थिति पंजी में विद्यालय अवधि के दौरान ही उपस्थित अनुपस्थित बनाना होता है. मध्याह्न भोजन को लेकर विद्यालय परिवार गंभीर नहीं है इसलिए दीवाल पर न्यू भोजन की मेन्यू भी लिखा नहीं था. विद्यालय का अब तक रंगरोगन भी नहीं कराया गया था. इस संदर्भ में सीआरपी सुधांधू मुन्ना से बात करने पर बताया कि सचिव को कई बार बोला गया है कि विद्यालय की दशा में सुधार करें लेकिन वे लापरवाही करते आ रहे हैं. बोल कर थक चुके हैं लेकिन कोई सुधार नही कर रहा है.