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जमशेदपुर/डेस्क: मनोहरपुर साइडिंग पुलिया जर्जर होने के कारण इस पर भारी वाहन एवं आम लोगों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. मालूम हो की इस पुलिया से गुज़रने वाले दर्जनों गांव के लोगों का मनोहरपुर से संपर्क टूट चुका है. इसके अलावा मनोहरपुर आयरन ओर माइंस चिड़िया से आने वाले लौह अयस्क खदानों से मनोहरपुर साइडिंग स्थित स्टॉक यार्ड में लौह अयस्क की ढुलाई भी प्रभावित हो चुका है. पुलिया को बंद करने से पहले लौह अयस्क खदानों से आए भारी मात्रा में लौह अयस्क मनोहरपुर साइडिंग व आस पास क्षेत्रों में विखरा पड़ा हुआ है. जिससे आसपास रहने वाले लोगों के लिए पर्यावरण के साथ साथ स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल असर देखा गया है.वहीं इस पुलिया से प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि इस पुल के लिए सबसे ज़्यादा चिड़िया माइंस सेल प्रबंधन और सेल अधिकृत ठेका कंपनी(एनएसपीएल) ही ज़िम्मेदार है. चुंकी इस पुलिया से रोजाना लौह अयस्क से लदे सैकड़ों भारी वाहनों का आवागमन होता है. जबकि यह ग्रामीण पुलिया भारी वाहनों के लायक ही नहीं है.
कुछ साल पहले लौह अयस्क की ढुलाई डंपर के माध्यम से किया जाता था. किंतु अब उक्त ठेका कंपनी (एनएसपीएल) साइडिंग पुलिया की सुरक्षा को ताक पर रखकर अवैध रूप से लौह अयस्क की ढुलाई भारी वाहनों यानी 16 चक्का हाईवा से बेख़ौफ़ करते आ रही है. जबकि एशिया के सबसे बड़े लौह अयस्क खदान चिड़िया है.किंतु इस क्षेत्र के लिए कोई उपयोगी नहीं है. यहां के युवाओं को रोज़गार देने में भी अक्षम साबित हो रही है. सिर्फ़ खनिज संपदा का भारी पैमाने पर दोहन की जा रही है. जिससे क्षेत्र के बेरोजगार शिक्षित युवक रोजगार के अभाव में अन्य राज्यो में रोजगार के तलाश में पलायन करने को विवश हैं.