संतोष श्रीवास्तव/न्यूज़ 11भारत
पलामू/डेस्क: मेदिनीनगर. झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि पलामू जिला हम पार्टी के अध्यक्ष आशुतोष तिवारी की गिरफ्तारी अन्यायपूर्ण और दमनकारी कार्रवाई है. अगर किसी को जेल भेजना ही था, तो भ्रष्ट अंचलाधिकारी अमरदीप बल्होत्रा को भेजा जाना चाहिए था. यह दुर्भाग्यपूर्ण प्रवृत्ति बन गई है कि कुछ पदाधिकारी एससी-एसटी एक्ट का इस्तेमाल दूसरों को झुकाने और दबाने के औजार के रूप में कर रहे हैं. जब वे किसी व्यक्ति को वैधानिक रूप से दोषी सिद्ध नहीं कर पाते, तब एससी-एसटी की धाराओं का दुरुपयोग कर उसे जेल भेजने का प्रयास करते हैं. पदाधिकारियों के इस कृत्य से राज्य सरकार की छवि दमनकारी बनने लगी है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकते.
पूर्व मंत्री ने कहा कि हाल ही में विभिन्न समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार, सदर अंचलाधिकारी ने आशुतोष तिवारी के खिलाफ एससी-एसटी केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजने का कार्य किया है. इसकी वे कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. वर्तमान में वे दिल्ली से लौटने के क्रम में देवघर पहुंचे हैं. पलामू लौटते ही भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ उग्र आंदोलन शुरू करेंगे. सदर अंचलाधिकारी अपने ससुर के माध्यम से लाखों रुपये की अवैध वसूली कर रहे हैं. वह म्यूटेशन (दाखिल-खारिज), एलसी निर्माण सहित हर छोटे-छोटे कार्य के लिए रिश्वत की मांग की जाती है. ऐसे अधिकारी स्वयं भ्रष्ट होकर अपने कदाचार को छिपाने के लिए दूसरों पर झूठे मुकदमे ठोकते हैं. पहले भी इनके विरुद्ध शिकायतें मिली थी, लेकिन वे छोटे अधिकारियों के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते थे परंतु आशुतोष तिवारी को जेल भेजने की कार्रवाई ने सारी सीमाएं पार कर दी हैं.
पूर्व मंत्री ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने ऐसे अधिकारियों पर रोक नहीं लगाई, तो जनता के हित में व्यापक आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अधिकारी वर्ग ने पलामू को भ्रष्टाचार का चारागाह बना रखा है, जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है. इस संबंध में वे शीघ्र ही मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शिकायत करेंगे. जनता के पैसे से वेतन लेने वाले अधिकारी जनता पर ही अन्याय कर रहे हैं, जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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