अरुण कुमार यादव/न्यूज11 भारत
गढ़वा/डेस्क: गढ़वा सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार पांडेय ने गुरुवार को मझिआंव,कांडी तथा बरडीहा प्रखंड क्षेत्रों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कांडी क्षेत्र में कई आवास योजनाओं की संबंधित पदाधिकारियों की मौजूदगी में जांच की. कांडी में अवैध रूप से संचालित एक क्लीनिक को बंद करवाया वहीं तीनों प्रखंडों में संचालित दाल-भात केंद्रों का औचक निरीक्षण किया.
मझिआंव प्रखंड के आपूर्ति गोदाम के पास अवस्थित दाल भात केंद्र का निरीक्षण प्रखंड विकास पदाधिकारी कनक तथा गोदाम के एजीएम की मौजूदगी में की गयी. दुर्गा स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित इस केंद्र में मौके पर गीता देवी मिली जिन्होंने बताया की उन्हें 9 कुंतल प्रतिमाह ठेकेदार द्वारा राशन दिया जाता है. जबकि मौके पर लगभग सिर्फ 4 किलो चावल चढ़ाया हुआ मिला और लगभग 500 ग्राम बेसन की कढ़ी बनती हुई मिली. कोई भी ग्राहक वहां पर मौजूद नहीं मिला. दाल भात केंद्र के इस दयनीय स्थिति के बारे में केंद्र संचालिका तथा प्रखंड के पदाधिकारी दोनों ही कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. बरडीहा प्रखंड कार्यालय के ठीक द्वार के पास अवस्थित दाल भात केंद्र निरीक्षण के दौरान बंद मिला, ग्रामीणों ने बताया कि यह अक्सर बंद ही रहता है.
प्रखंड कार्यालय के प्रवेश द्वार पर स्थित होने के बावजूद इस प्रकार की स्थिति समझ से परे है. कांडी प्रखंड कार्यालय के सामने अवस्थित दाल भात केंद्र के निरीक्षण के दौरान भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिली. यहां चूल्हे की बजाय एक छोटा सा इलेक्ट्रिक हीटर रखा मिला, किसी प्रकार के बड़े बर्तन नहीं मिले, ना ही राशन का भंडार मिला, कोई ग्राहक भी यहां नहीं मिला. इससे इस केंद्र का समुचित संचालन होना संदिग्ध प्रतीत हुआ. मौके पर कांडी बीडीओ राकेश सहाय एवं अन्य प्रखंड स्तरीय कर्मचारी भी मौजूद थे.
एसडीएम ने कहा कि दाल-भात केंद्र अंतिम व्यक्तियों विशेष कर गरीब राहगीरों, मजदूरों के लिए भोजन की किफायती व्यवस्था है किन्तु इस योजना के संचालन में इन केंद्रों के संचालकों और आपूर्ति कर्ता ठेकेदारों के द्वारा प्रथम दृष्टया मनमानी देखने को मिल रही है. इन सभी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए लिखा जा रहा है. उन्होंने संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों को भी इन भोजन केंद्रों का विधिवत और नियमित संचालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा. कांडी के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के सामने स्थित अल्ट्रासाउंड केंद्र की जांच करने पहुंचे एसडीएम को उक्त अल्ट्रासाउंड केंद्र बंद मिला, किंतु उसके निकट उसी परिसर में एक बिना नाम का क्लीनिक चलता हुआ पाया गया. पूछताछ के क्रम में मालूम चला कि एक इंटरमीडिएट पास युवक द्वारा उक्त क्लिनिक चलाया जा रहा है, जिसे तत्काल प्रभाव से मौके पर ही एसडीएम ने बंद करवा दिया.
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